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Jabalpur News: रेलवे की कमाई का फंडा, स्पेशल ट्रेन का किराया भी ज्यादा और वेटिंग टिकट भी

Jabalpur News: रेलवे कमाई करने नए-नए नियम निकालता रहता है, यात्रियों को इससे राहत कम और फजीहत ज्यादा होती है। दीपावली पर्व के बाद अब छठ पूजा के लिए जाने वाले यात्रियों की संख्या ट्रेनों में बढ़ गई है। लोग टिकट को लेकर परेशान हैं, यही कारण है कि रेलवे स्पेशल ट्रेनें दौड़ा रहा है। इसमें भी रेलवे ने जो नियम अपनाया है, उसमें रेग्युलर ट्रेनों में जहां ऑनलाइन टिकट लेने पर 10 फीसदी वेटिंग टिकट के बाद रिग्रेट (अब टिकट नहीं) लिखा आ जाता है, वहीं स्पेशल ट्रेनों में जब ऑनलाइन टिकट यात्री लेते हैं तो इसमें ट्रेन की सीटें भरने के बाद भी टिकट बेची जाती हैं, जबकि स्पेशल ट्रेनों का किराया रेग्युलर ट्रेन से ज्यादा होता है, यही कारण है कि रेलवे अपनी आय बढ़ाने इस तरह के नियम बनाता रहता है।
यात्रियों को एक तरह से किराया भी ज्यादा देना पड़ रहा है और उन्हें वेटिंग टिकट भी मिल रही है। इस समय सबसे ज्यादा बिहार जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है। रेलवे सबसे ज्यादा ट्रेनें बिहार के लिए चला रहा है जिसमें छठ पूजा व बिहार चुनाव दोनों को देखते हुए ये गाड़ियां चल रही हैं। यात्री पैसा तो पूरा दे रहे हैं लेकिन उन्हें बैठने के लिए सीट नहीं मिल रही है।
किराए में कुछ इस तरह का अंतर ट्रेन कोच रेग्युलर गाड़ी स्पेशल ट्रेन
स्लीपर 396 505
एसी-थ्री 1065 1365
एसी-टू 1320 1920
नोट: (बिहार पटना का किराया, आंकड़े लगभग में)
बिहार के लिए ये ट्रेनें चल रहीं
बिहार के लिए जबलपुर होकर जो ट्रेनें चल रही हैं उनमें जनता एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, हावड़ा मेल, गुवाहाटी एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस, गोदान एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें शामिल हैं। वहीं स्पेशल लगभग 15 ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। इस तरह लगभग 47 ट्रेनें बिहार राज्य के लिए हैं लेकिन सभी ट्रेनों में वेटिंग है। चाहे स्पेशल हो या फिर रेग्युलर सभी ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए लोग परेशान हैं।
प्लेटफाॅर्म पर यात्री खान-पान के लिए भी परेशान
स्पेशल ट्रेन से बिहार की यात्रा करने वाले यात्रियों को खान-पान की सामग्री के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। जो भी स्पेशल ट्रेनें जबलपुर से चल रही हैं उनमें से ज्यादातर ट्रेनें मुख्य स्टेशन में नहीं रुकती हैं। इन ट्रेनों का स्टाॅपेज मदन महल स्टेशन में है। मदन महल स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर-एक पर तो कुछ स्थिति ठीक है लेकिन ट्रेन अगर 2 या फिर 3 नंबर प्लेटफाॅर्म पर रुकी तो यहां खान-पान की सामग्री के लिए यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। लंबी दूरी की यात्रा के कारण यात्रियों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन रेलवे इस तरफ भी ध्यान नहीं दे रहा है।
ट्रेनों में टिकट को लेकर रेलवे बोर्ड के जो दिशा-निर्देश हैं उसके अनुसार ही कार्य होता है। हालांकि रेग्युलर और स्पेशल ट्रेनों में वेटिंग टिकट को लेकर नियम लगभग एक जैसा ही है। यह जरूर है कि स्पेशल ट्रेन में टिकट का जनरल कोटा ज्यादा होता है।
- हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ पमरे
Created On :   27 Oct 2025 4:50 PM IST












