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Jabalpur News: कॉलेजों से योग का दबदबा गायब अब केवल नाममात्र की होगी पढ़ाई

Jabalpur News: भारत की आवाज पर पूरी दुनिया में योग का डंका बज रहा है, कई देशों में योग को स्कूल-कॉलेज के कोर्सों में शामिल किया जा रहा है, वहीं हमारे यहां योग और पर्यावरण को मुख्य कोर्स से बाहर कर दिया गया है। यह बेहद चौंकाने वाला निर्णय उच्च शिक्षा विभाग ने लिया है जिससे विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है। योग और पर्यावरण आज की जरूरत बनकर उभरे हैं क्योंकि एक खुद को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है तो दूसरा दुनिया के वजूद को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत योग और पर्यावरण को महाविद्यालयों के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए आधार पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया था, जिसकी परीक्षा में 50 प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के आते थे जिसमें 4 विकल्प में किसी एक सही उत्तर को लिखना होता था। इसके लिए विद्यार्थियों को पूरे वर्ष भर पढ़ाई भी कराई जाती थी। योग की पढ़ाई के तहत विद्यार्थियों का अभ्यास भी हो जाता था और वे स्वस्थ महसूस करते थे परंतु इस वर्ष योग और पर्यावरण को आधार पाठ्यक्रम के मुख्य विषय से हटाकर केवल कुछ अंश मे रहने दिया गया है।
केवल जून में याद आएगी योग की
बताया जाता है कि बीए, बीएससी, बीकॉम और अन्य स्नातक कोर्सों में आधार पाठयक्रम में हिन्दी, अंग्रेजी और योग तथा पर्यावरण का विषय रहता था लेकिन इस बार योग और पर्यावरण के स्थान पर भारत बोध को शामिल किया गया है जिसमें इतिहास और संस्कृति आदि की जानकारी है, जबकि इतिहास तो सभी छात्र-छात्राएं पढ़कर ही आते हैं और बीए में इतिहास अलग विषय के रूप में भी शामिल है। अब जब आधार पाठ्यक्रम से योग काे हटा दिया गया है तब योग दिवस 21 जून को ही योग की याद आएगी और कॉलेजों में फाॅर्मेलिटी के तौर पर हाथ-पैर हिलाकर इस दिवस को मना लिया जाएगा।
डॉक्टर भी देते हैं योग की सलाह
योग भारत की मिट्टी में है लेकिन समय के साथ इसे भुला दिया गया था किन्तु कुछ समय से योग फिर हर घर में किया जाने लगा था उसका कारण ही यह था कि स्कूल और कॉलेज में इसे महत्व दिया गया लेकिन अब इसे भुलाने की साजिश की जा रही है। योग मानसिक स्वास्थ्य और शरीर को मजबूत बनाता है। ऐसे विषय को सिलेबस से हटाना समझ से परे है जिसे खुद डॉक्टर कहते हैं कि प्रतिदिन योग करना चाहिए।
एक कोर्स देश के नाम
पूरे देश में एक पेड़ मां के नाम पर अभियान चलाया जा रहा है और पर्यावरण विषय के अध्ययन से छात्र-छात्राओं में बेहतर संदेश भी जाता है लेकिन अब इस पर्यावरण को भी कोर्स से बाहर कर दिया गया है। बेहतर होगा कि एक अभियान चले जिसका नारा हो एक कोर्स देश के नाम। इस कोर्स में योग और पर्यावरण को शामिल किया जाए, ताकि देश का भविष्य बेहतर हो।
जानकारी ली जाएगी
योग और पर्यावरण को कोर्स से हटाने सम्बंधी जानकारी ली जाएगी। इस मामले में फिलहाल अधिक जानकारी नहीं है।
-पंजाब राव चंदेलकर, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
Created On :   25 Oct 2025 6:47 PM IST












