राजनीति: सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक होने चाहिए पर्व-त्योहार सीएम योगी

सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक होने चाहिए पर्व-त्योहार  सीएम योगी
गोरक्षपीठाधीश्‍वर एवं उतृतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों को होली की मंगलमय शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पर्व-त्योहार सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक होने चाहिए। कहीं कोई भेदभाव न हो, सभी एकजुट रहें। यही होली का भी संदेश है। शक्तिशाली समाज और समर्थ राष्ट्र के लिए आवश्यक है कि समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव न रहे, सबके बीच मतभेद समाप्त हो।

गोरखपुर, 24 मार्च (आईएएनएस)। गोरक्षपीठाधीश्‍वर एवं उतृतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों को होली की मंगलमय शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पर्व-त्योहार सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक होने चाहिए। कहीं कोई भेदभाव न हो, सभी एकजुट रहें। यही होली का भी संदेश है। शक्तिशाली समाज और समर्थ राष्ट्र के लिए आवश्यक है कि समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव न रहे, सबके बीच मतभेद समाप्त हो।

सीएम योगी रविवार शाम पाण्डेयहाता में होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से आयोजित होलिका दहन शोभायात्रा के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम एकजुटता की भावना से देश हित के लिए सक्रिय होते हैं तो पर्व-त्योहारों के उमंग और उत्साह का लाभ अनंत काल के लिए प्राप्त होता है।

मुख्यमंत्री ने होलिका दहन और होली को सत्य, न्याय व धर्म की विजय के उल्लास का पर्व बताते हुए कहा कि जहां भक्ति होती है, वहां स्वतः शक्ति आ जाती है। भक्ति और शक्ति का यह समन्वय होलिका दहन के रूप में देखने को मिलता है। होलिका दहन में यह संदेश निहित है कि अन्यायी और अत्याचारी कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसका अंत सुनिश्चित होता है। होलिका दहन सन्मार्ग पर चलने वाले भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का तथा अन्यायी हिरण्यकश्यप और होलिका के नष्ट होने का स्मरण पर्व है।

योगी ने कहा कि बुराई की प्रतीक होलिका के दहन से यह संदेश भी मिलता है कि जब भी अन्याय होगा, पक्षपात होगा तो उसका दहन भी होना तय है। होलिका का दहन और हिरण्यकश्यप का वध उसी परंपरा का हिस्सा है, जिसमें हम प्रतिवर्ष अन्यायी रावण का पुतला भी जलाते हैं। सकल सनातनी हजारों वर्षों की अपनी इस विरासत को उत्साह और उमंग से मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने होलिका दहन और होली को लेकर लोगों से यह अपील भी की कि कहीं ऐसा कोई कृत्य नहीं होना चाहिए, जिससे उत्साह, उमंग बाधित हो। कहीं कोई टकराहट नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ब्‍होली जैसे पर्व हजारों वर्षों की विरासत हैं। सतयुग के जिस कालखंड को जिसे दुनिया जानती तक नहीं, उसे हम संजोते हुए अगली पीढ़ी को सौंपते हैं। हमारा दायित्व है कि हम विरासत का संरक्षण करते हुए पर्व पर परंपराओं की पवित्रता बनाए रखें।"

सीएम योगी ने होलिका दहन उत्सव समिति की इस बात के लिए सराहना की कि यह समिति 97 वर्षों से विरासत को संजोकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने लंबे समय तक समिति का नेतृत्व करने वाले स्मृति शेष ओमप्रकाश पटवा को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के बाद होलिका दहन शोभायात्रा के लिए सजाए गए रथ पर अवस्थित भक्त प्रहलाद की आरती उतारी। उनके चित्र पर फूल बरसाने के बाद बड़े ही उमंग से उपस्थित जनसमूह पर पुष्पवर्षा करते हुए फूलों से होली खेली। शोभायात्रा को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।

इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, काशी से आए महामंडलेश्‍वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, पूर्व पार्षद रामभुआल कुशवाहा, होलिका दहन उत्सव समिति के अध्यक्ष विपिन पटवा समेत समस्त पदाधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। होलिका दहन शोभायात्रा में रथ पर सजाई गई झांकियां सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुईं थीं। इसमें श्रीरामलला और राम मंदिर की झांकी के साथ ही श्रीगणेश, शंकर पार्वती, राम-सीता, ब्रह्मा-सरस्वती, हनुमान, काली के अलावा बरसाने और मसाने की होली की झांकियां शामिल थीं।

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Created On :   24 March 2024 8:30 PM IST

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