लोकसभा चुनाव 2024: पूर्णिया सीट पर जदयू, भाजपा का रहा है दबदबा, पप्पू निर्दलीय भी जीत चुके हैं

पूर्णिया सीट पर जदयू, भाजपा का रहा है दबदबा, पप्पू निर्दलीय भी जीत चुके हैं
बिहार में फिलहाल सबसे हॉट सीट पूर्णिया बनी हुई है और यह सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस सीट पर पिछले दो दशकों से भाजपा और जदयू का दबदबा रहा है। पूर्णिया सीट की पहचान पहले सेंट्रल सीट के रूप में होती थी और 1977 से पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था। लेकिन, आज परिस्थिति बदल गई है और कांग्रेस ने इस सीट के लिए एड़ी चोटी का प्रयास किया, लेकिन यह सीट राजद के कोटे में चली गई।

पूर्णिया, 29 मार्च (आईएएनएस)। बिहार में फिलहाल सबसे हॉट सीट पूर्णिया बनी हुई है और यह सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस सीट पर पिछले दो दशकों से भाजपा और जदयू का दबदबा रहा है। पूर्णिया सीट की पहचान पहले सेंट्रल सीट के रूप में होती थी और 1977 से पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था। लेकिन, आज परिस्थिति बदल गई है और कांग्रेस ने इस सीट के लिए एड़ी चोटी का प्रयास किया, लेकिन यह सीट राजद के कोटे में चली गई।

बनमनखी, कसबा, धमदाहा, पूर्णिया, कोढ़ा और रूपौली विधानसभा वाले इस सीट पर 2004 से जदयू और भाजपा का कब्जा रहा है। उसके पहले 1999 में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बतौर निर्दलीय यहां जीत का परचम लहरा चुके हैं।

भाजपा ने पहली बाहर 1998 में यहां जीत दर्ज की। 2004 के चुनाव में भाजपा ने यहां दूसरी बार जीत दर्ज की और उदय सिंह सांसद चुने गए थे। 2009 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली। पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को भी यहां से तीन बार विजयी होने का आशीर्वाद मतदाताओं ने दिया।

2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा विजयी रहे। इस बार भी वह जदयू के सिंबल पर मैदान में हैं। यादव फिर से पूर्णिया लौटे हैं और उनकी इच्छा यहां से चुनाव लड़ने की है। इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय भी कर दिया।

इसी बीच, महागठबंधन में शामिल राजद ने यहां से बीमा भारती को सिंबल पकड़ा दिया। हालांकि, पप्पू यादव किसी भी स्थिति में पूर्णिया नहीं छोड़ने की बात कर रहे हैं।

पप्पू यादव का दावा है कि पिछले एक साल से पूर्णिया के एक एक घर तक पहुंचे हैं और लोगों ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया है।

एनडीए की ओर से पूर्णिया सीट जदयू के खाते में गई है। मक्के और मखाना की खेती के लिए प्रसिद्ध इस इलाके का विस्तार बंगाल तक है, जिस कारण यहां की संस्कृति मिश्रित है। पूर्णिया लोकसभा सीट सीमांचल के अंतर्गत आती है। पूर्णिया जिले का बॉर्डर नेपाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जुड़ा हुआ है।

इस सीट पर मुस्लिम-यादव समीकरण काफी महत्व रखता है। बहरहाल, यह सीट हॉट सीट बनी हुई है। अगर पप्पू यादव अपने जिद पर अड़े रहे, तो मुकाबला दिलचस्प होगा।

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Created On :   29 March 2024 1:27 PM IST

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