लोकसभा चुनाव 2024: अब गरीबों के पास जा रहा है पूरा पैसा, राजीव गांधी के समय ऐसा नहीं था सुरजीत भल्ला (आईएएनएस साक्षात्कार)

अब गरीबों के पास जा रहा है पूरा पैसा, राजीव गांधी के समय ऐसा नहीं था  सुरजीत भल्ला (आईएएनएस साक्षात्कार)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत रह चुके, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रहे देश के जाने माने अर्थशास्त्री, लेखक और स्तंभकार सुरजीत भल्ला ने आईएएनएस से खास बातचीत की।

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत रह चुके, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रहे देश के जाने माने अर्थशास्त्री, लेखक और स्तंभकार सुरजीत भल्ला ने आईएएनएस से खास बातचीत की।

उन्होंने इस बातचीत में पिछली सरकारों के काम करने के तरीके पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने राजीव गांधी सरकार के समय का जिक्र करते हुए बताया कि तब कहा जाता था कि एक रुपया गरीबों के लिए केंद्र से चलता है तो उसका 15 पैसा ही गरीबों को मिल पाता है।

उन्होंने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा कि 1985 में राजीव गांधी ने कहा था कि गवर्नमेंट पैसा खर्च करती है। मगर, गरीबों के पास सिर्फ 15 पैसे जाते हैं। बाकी, करप्शन और अमीरों को जाता है। जिनको चाहिए था, जिनके लिए हमने पॉलिसीज बनाई है। वहां सिर्फ 15% गई है। मेरे मुताबिक जो सबसीक्वेंट रिसर्च है, वो ओवर एस्टीमेट है, उससे भी कम गरीबों को जाता था। वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जिन्होंने भी एनालिसिस किया है कि आज यह डिलीवरी 90% है। जो गवर्नमेंट पैसा गरीबों के लिए खर्च रही है, वह पैसा उनके पास सीधे जा रहा है। फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 में आया था, उस वक्त 20-25 परसेंट गरीबों को इसका लाभ जाता था। अब 90 या 100 परसेंट गरीबों को पहुंचता है।

उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे पर कहा कि कब महंगाई नहीं हुई है, विपक्ष या गवर्नमेंट जाकर वोटर से पूछते हैं कि महंगाई दर क्या है? मगर यह नहीं पूछते कि इंफ्लेशन कितनी बढ़ी हुई है। सामान की प्राइस बढ़ी है कि नहीं। कोई साल नहीं है जब मूल्य वृद्धि नहीं हुई थी। कितने सालों से चुनाव हो रहे हैं, मैंने एग्जामिन किया कि इन्फ्लेशन रेट अंपयारिकल मामला है। यह डाटा का मामला है। वोटर के दिमाग में रहता है कि 2019 में मेरी आमदनी इतनी थी, रोजगार की स्थिति यह थी और अब क्या है? युवाओं की बेरोजगारी की सब चर्चा कर रहे हैं कि बेरोजगारी बढ़ गई है। लेकिन, अगर आप 18 से 29 तक लें तो 2019 में अनइंप्लॉयमेंट का रेट 16 परसेंट था अब यह 10 प्रतिशत है। ऐसा नहीं है कि बेरोजगारी जीरो हुई है या महंगाई जीरो है लेकिन, जो भी चेंज हुआ है, वह लोगों को ठीक लग रहा है और लोग खुश हैं। ऐसे में जो वोटर वोट देता है तो वह देखता है कि इस बीच उसके जीवन में कुछ भला हुआ है कि नहीं और इन आंकड़ों के मुताबिक तो ऐसा हुआ है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   28 April 2024 6:17 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story