राजनीति: केंद्रीय योजना के कारण 169 परिवारों को वापस मिले उनके बच्चे

केंद्रीय योजना के कारण 169 परिवारों को वापस मिले उनके बच्चे
केंद्र सरकार भीख मांगने वाले बच्चों और वयस्कों के व्यापक पुनर्वास का प्रयास कर रही है। बुधवार को राज्यसभा में दी गई एक जानकारी में सरकार ने बताया कि इसके लिए 'स्माइल उप-योजना' प्रारंभ की गई है। इस योजना के चलते 169 परिवारों को उनके बच्चे वापस मिले हैं। सभी बच्चे अलग-अलग स्थानों पर भीख मांगकर अपनी गुजर-बसर कर रहे थे।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार भीख मांगने वाले बच्चों और वयस्कों के व्यापक पुनर्वास का प्रयास कर रही है। बुधवार को राज्यसभा में दी गई एक जानकारी में सरकार ने बताया कि इसके लिए 'स्माइल उप-योजना' प्रारंभ की गई है। इस योजना के चलते 169 परिवारों को उनके बच्चे वापस मिले हैं। सभी बच्चे अलग-अलग स्थानों पर भीख मांगकर अपनी गुजर-बसर कर रहे थे।

केंद्र सरकार की योजना की मदद से बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया गया। केंद्र सरकार के मुताबिक 'स्माइल उप-योजना' धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व के 81 शहरों व कस्बों में बच्चों सहित भीख मांगने के काम में लगे अन्य लोगों के व्यापक पुनर्वास के लिए लागू की जा रही है।

इस उप-योजना के अंतर्गत अब तक 7,660 लोगों की पहचान की गई है। इनमें से 970 लोगों का पुनर्वास किया जा चुका है। इसमें 352 बच्चे भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि इन 352 बच्चों में से 169 को उनके माता-पिता से मिलवाया गया। वहीं, 79 को आंगनवाड़ी भेजा गया, 33 को बाल कल्याण समितियों को सौंपा गया और 71 बच्‍चों का स्कूलों में नामांकन कराया गया।

बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-एजेएवाई) की भी जानकारी दी गई। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2021-22 से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तीन घटक हैं, आदर्श ग्राम, अनुसूचित जाति समुदायों की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए अनुदान सहायता और छात्रावास की सुविधा। योजना के उद्देश्य अनुसूचित जाति बहुल गांवों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे और अपेक्षित सेवाएं सुनिश्चित करना है।

सरकार का मानना है कि इससे उनके सामाजिक-आर्थिक विकास संकेतकों में सुधार किया जा सकेगा। कौशल विकास, आय सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के माध्यम से अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकेंगे। इससे अनुसूचित जाति समुदायों की गरीबी को कम किया जा सकेगा। साक्षरता को बढ़ाना तथा गुणवत्तापूर्ण संस्थानों में पर्याप्त आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराना भी योजना का उद्देश्य है।

ऐसा करके विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जातियों के छात्रों के दाखिले को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही जहां आवश्यक हो, विशेष रूप से आकांक्षी अनुसूचित जाति बहुल ब्लॉकों में आवासीय विद्यालय उपलब्ध कराना भी इसका उद्देश्य है।

केंद्र सरकार के मुताबिक वर्ष 2021-22 से अब तक 5,185 लाभार्थियों के लिए कुल 46 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं। पीएम-एजेएवाई योजना के छात्रावास घटक के तहत 126.30 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

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Created On :   4 Dec 2024 8:44 PM IST

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