राजनीति: मजबूत और संघर्षशील नेता आते हैं जांच एजेंसियों के निशाने पर संजय यादव

मजबूत और संघर्षशील नेता आते हैं जांच एजेंसियों के निशाने पर  संजय यादव
राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव ने जदयू नेता नीरज कुमार द्वारा राजद नेता आलोक मेहता के घर पर ईडी की रेड को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। नीरज कुमार ने कहा था कि यह लालू जी के संगत का असर है। उनके इस बयान पर संजय यादव ने कहा कि आज के समय में जो नेता मजबूत हैं, जो संघर्षशील हैं, वही एजेंसियों के निशाने पर आते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग आज एजेंसियों के बारे में बयान दे रहे हैं, वह क्या एक साल पहले दिए गए अपने बयानों को सार्वजनिक करेंगे?

पटना, 10 जनवरी (आईएएनएस)। राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव ने जदयू नेता नीरज कुमार द्वारा राजद नेता आलोक मेहता के घर पर ईडी की रेड को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। नीरज कुमार ने कहा था कि यह लालू जी के संगत का असर है। उनके इस बयान पर संजय यादव ने कहा कि आज के समय में जो नेता मजबूत हैं, जो संघर्षशील हैं, वही एजेंसियों के निशाने पर आते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग आज एजेंसियों के बारे में बयान दे रहे हैं, वह क्या एक साल पहले दिए गए अपने बयानों को सार्वजनिक करेंगे?

संजय यादव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जो लोग आज ईडी की रेड पर बयान दे रहे हैं, उन्हें अपनी पिछली बातों को ध्यान में रखना चाहिए। एक समय जब जदयू के एमएलसी राधा चरण सेठ के घर पर ईडी की रेड हुई थी और उन्हें जेल भेजा गया था, तब क्या इनकी जुबान पर ताला नहीं लग गया था? उन दिनों इनकी आंखों का पानी सूख गया था। जब जदयू के दो मंत्रियों और उनके रिश्तेदारों के घरों पर छापेमारी हुई थी, तब यह लोग चुप थे। अब जब गठबंधन की बुनियाद को लेकर बात हो रही है, तो इनकी जुबान खुल रही है। इनकी सच्चाई इनकी कार्यशैली से समझी जा सकती है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान द्वारा जात-पात को लेकर दिए गए बयान पर भी संजय यादव ने पलटवार किया। चिराग पासवान ने कहा था कि वह जात-पात को नहीं मानते हैं। इस पर संजय यादव ने कहा कि चिराग पासवान कह रहे हैं कि वह जात-पात को नहीं मानते हैं, तो फिर वह आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं? उनका पूरा परिवार तो आरक्षित सीटों से ही चुनाव लड़ता है। अगर चिराग पासवान जात-पात को नहीं मानते, तो क्यों नालंदा, मुंगेर, पटना साहिब, या बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ते? उन्होंने सवाल किया कि क्या वह जातिगत उत्पीड़न को भी नहीं मानते? क्या वह आरक्षण के खिलाफ हैं? अगर चिराग पासवान जात-पात का विरोध करते हैं, तो उन्हें अपने परिवार के चुनावी इतिहास पर भी पुनर्विचार करना चाहिए।

भाजपा के लोगों को डरपोक बताते हुए कहा कि जो लोग बीजेपी के साथ हैं, जो डरपोक होते हैं, वही भाजपा की शरण में जाते हैं। जो लोग पाक साफ हैं, वह भाजपा से लोहा लेते हैं।

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Created On :   10 Jan 2025 9:56 PM IST

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