रक्षा: आधुनिक युग का एयर डिफेंस सिस्टम अपने जिस उत्पाद पर खुद चीन नहीं करता भरोसा, उसकी वजह से ही पाकिस्तान में मची तबाही

आधुनिक युग का एयर डिफेंस सिस्टम  अपने जिस उत्पाद पर खुद चीन नहीं करता भरोसा, उसकी वजह से ही पाकिस्तान में मची तबाही
भारत और पाकिस्तान के बीच जो जंग जैसे हालात पैदा हुए थे, उसमें अब सीजफायर की घोषणा के बाद धीरे-धीरे थोड़ी नरमी लौट रही है। इस बीच भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने का चीन और पाकिस्तान का दावा भी झूठा साबित हुआ है।

नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। भारत और पाकिस्तान के बीच जो जंग जैसे हालात पैदा हुए थे, उसमें अब सीजफायर की घोषणा के बाद धीरे-धीरे थोड़ी नरमी लौट रही है। इस बीच भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने का चीन और पाकिस्तान का दावा भी झूठा साबित हुआ है।

जबकि, चीन जो खुद अपने एयर डिफेंस सिस्टम पर भरोसा नहीं करता, जिसने अपनी सुरक्षा के लिए खुद रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद रखा है, उसके यहां तैयार एयर डिफेंस सिस्टम पर पाकिस्तान इतरा रहा है। जबकि, भारतीय सेना के पराक्रम के सामने उसके एयर डिफेंस सिस्टम की एक नहीं चली।

भारत के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 पर चीन और पाकिस्तान ने दुनिया में जो झूठ फैलाया था, उस पर भारत की तरफ से प्रतिक्रिया भी आ गई और भारत के एक रक्षा अधिकारी ने साफ कर दिया कि एस-400 पूरी तरह सुरक्षित है।

भारत ने पाकिस्तान के हमलों के खिलाफ जो जवाबी कार्रवाई की, वह भारत के आधुनिक वायु रक्षा की विकसित होती प्रकृति का प्रदर्शन था, जो न केवल एक मजबूत बल्कि स्वयं के हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में सक्षम होने के साथ विरोधी पाकिस्तान द्वारा तैनात चीनी निर्मित प्रणालियों को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाब रहा।

ऐसे में यह ध्यान देने योग्य है कि रक्षा के लिए इस बारे में बहस नहीं की जा सकती कि आप क्या खरीदते हैं, इस बारे में बहस हो सकती है कि आप क्या इकट्ठा करते हैं और यह कितना प्रभावशाली है।

रूस से जो एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 भारत ने 5.4 अरब डॉलर खर्च करके खरीदा है। इसे दुनिया के सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है। इसके रडार की रेंज 600 किलोमीटर है। मतलब 600 किलोमीटर के दायरे में आ रही मिसाइल की ये पहचान कर, भेद सकता है। भारत का यह एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन, लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ ही एडवांस फाइटर जेट को भी आसानी से ध्वस्त कर सकता है। इसमें चार मिसाइलें लगी हैं, जिनकी रेंज अलग-अलग है। अलग-अलग ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों का पता लगाकर ये आसानी से उन्हें नष्ट कर सकता है।

जबकि, भारत ने पाकिस्तान के लाहौर में तैनात चीन में निर्मित एचक्यू-9 एयर डिफेंस को तबाह कर दिया। इसे पाकिस्तान ने 4 साल पहले चीन से खरीदा था, जिस पर खुद चीन भरोसा नहीं करता है।

पाकिस्तान ने यह एयर डिफेंस सिस्टम चीन से लाखों डॉलर खर्च कर खरीदा था। पाकिस्तान और चीन दोनों दावा करते थे कि एचक्यू-9 रूस के एस-400 जैसा मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम है, जो हवा में ही मिसाइल को इंटरसेप्ट करके खत्म कर देता है। लेकिन, भारत ने अब पाकिस्तान के इस एयर डिफेंस को ही तबाह कर दिया। वहीं, भारत ने दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले अमेरिका निर्मित एफ-16 फाइटर जेट को दो-दो बार मार गिराया है। इस चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट को हर बार भारत के जांबाज विंग कमांडरों ने तीसरी पीढ़ी के मिग-21 से मार गिराया।

इससे साफ पता चलता है कि युद्ध के मैदान में जंग जज्बे और हौसले से जीती जाती है। उसके लिए एक सफल और सुरक्षित रणनीति की जरूरत होती है, न कि युद्ध केवल आधुनिक हथियारों के दम पर जीता जा सकता है।

ये चीनी एचक्यू-9 डिफेंस सिस्टम रूस की एस-400 और अमेरिका के पैट्रियट सिस्टम की टेक्नोलॉजी को चुराकर डेवलप किया गया है। इसका प्रयोग चीन, मोरक्को, तुर्किस्तान, उज़्बेकिस्तान, पाकिस्तान और मिस्र कर रहे हैं। चीन जिस एयर डिफेंस सिस्टम एचक्यू-9 और एचक्यू-16 को आधुनिक बताकर पाकिस्तान समेत कई देशों को बेच चुका है, वो खुद इस पर भरोसा नहीं करता है और रूस से एस-400 खरीद चुका है।

चीन को भी पता है कि उसका यह डिफेंस सिस्टम जमीनी हमलों में कारगर है, हवा में नहीं। यही वजह रही कि जब भारतीय वायुसेना ने मिसाइलों और ड्रोन से हमला बोला तो चीनी सिस्टम उसे आसानी से पकड़ ही नहीं पाया और पाकिस्तान के कई इलाकों में भारत ने तबाही मचा दी।

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Created On :   11 May 2025 4:37 PM IST

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