राजनीति: 'यह पिकनिक नहीं, राष्ट्रहित का मिशन', सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरे पर बोले एसएस अहलूवालिया

पटना, 18 मई (आईएएनएस)। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान पर हुई कार्रवाई की जरूरत से दुनिया को अवगत कराने के लिए केंद्र सरकार ने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने का फैसला लिया है। ऐसे सात प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा कर वहां की सरकारों, मीडिया और आम लोगों को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति के बारे में बताएंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एस.एस. अहलूवालिया ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रहित में लिया गया है और इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय तक सही संदेश पहुंचाना है।
अहलूवालिया ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रहित में जो फैसला लिया है, उसकी सटीक जानकारी देश-विदेश में पहुंचनी जरूरी है। यह कोई पिकनिक या बारात नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदार सांसदों का प्रतिनिधिमंडल है, जो विदेशों में जाकर देश का पक्ष मजबूती से रखेगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया भारत की घटनाओं को पूरी तरह कवर नहीं कर पाता, जिससे गलतफहमियां पैदा होती हैं। मैं खुद ताइवान के एक डेलिगेशन से मिला था, उन्हें भारत की जानकारी बस सुनामी के दौरान ही मिली थी। इससे समझ आता है कि विदेशों में भारत की सही तस्वीर पहुंचाना कितना जरूरी है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के 'बारात' वाले बयान पर अहलूवालिया ने कहा कि संजय राउत एक अच्छे पत्रकार रहे हैं। बाला साहेब ठाकरे ने उन्हें सांसद बनाया था। लेकिन कभी-कभी वह भटक जाते हैं। यह प्रतिनिधिमंडल कोई बारात नहीं है। यह लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधियों की एक जिम्मेदारी है, जो प्रधानमंत्री मोदी ने सौंपी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रतिनिधिमंडल केवल भाजपा का नहीं है, बल्कि इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं। अगर सिर्फ एक सांसद को भेजा जाता, तो सवाल उठते कि और लोग क्यों नहीं गए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चल रही आतंकवादी गतिविधियों को लेकर पीएम मोदी का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। पहलगाम हमले के बाद पीएम ने कहा था कि हम पहचान करेंगे कि हमलावर कौन थे और उन्हें सजा देंगे। और उन्होंने सटीक स्थान पर कार्रवाई की, जहां से ये आतंकी ऑपरेशन संचालित हो रहे थे। इस कार्रवाई में एक भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा। भारत पाकिस्तान से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान को भी जिम्मेदार व्यवहार करना होगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि भूगोल नहीं बदल सकते, लेकिन इतिहास बदल सकते हैं। पाकिस्तान अगर आतंक छोड़कर शांति की ओर बढ़े, तो दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बन सकते हैं।
अहलूवालिया ने गर्व जताते हुए आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमें यह राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी है, जिसे हम सच्चे भारतीय और देशभक्त के रूप में निभाने के लिए तैयार हैं। यह देश का प्रतिनिधित्व है, किसी पार्टी का नहीं। और हमें पूरी ईमानदारी और गर्व के साथ यह कार्य करना है।
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Created On :   18 May 2025 9:28 PM IST