रक्षा: डिफेंस पीएसयू की रक्षा मंत्री ने की समीक्षा, 'ऑपरेशन सिंदूर' में योगदान को सराहा

डिफेंस पीएसयू की रक्षा मंत्री ने की समीक्षा, ऑपरेशन सिंदूर में योगदान को सराहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों की समीक्षा की। मंत्रालय में उन्होंने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र यानी डिफेंस पीएसयू से जुड़े आठ उपक्रमों के अध्यक्षों एवं प्रबंध निदेशकों के साथ यह समीक्षा बैठक की।

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों की समीक्षा की। मंत्रालय में उन्होंने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र यानी डिफेंस पीएसयू से जुड़े आठ उपक्रमों के अध्यक्षों एवं प्रबंध निदेशकों के साथ यह समीक्षा बैठक की।

रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों को प्रदर्शित करने वाले प्लेटफॉर्म और तकनीकों के विकास में रक्षा उद्योग, विशेष रूप से डिफेंस पीएसयू की भूमिका की सराहना की।

गौरतलब है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में स्वदेशी रक्षा उपकरणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खास तौर पर स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए ड्रोन और हवाई हमलों को निष्क्रिय कर उन्हें सफलतापूर्वक मार गिराया।

समीक्षा बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के रक्षा औद्योगिक आधार को सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रही है। साथ ही सरकार डिफेंस पीएसयू की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों और हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर रक्षा मंत्री ने विभिन्न डिफेंस पीएसयू को आधुनिक युद्ध की उभरती तकनीकों पर अधिक अनुसंधान एवं विकास करने को कहा।

उन्होंने डिफेंस पीएसयू को नवीनतम तकनीकों के उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने रक्षा मंत्री के समक्ष डिफेंस पीएसयू के प्रदर्शन और उनके विकास के आंकड़े प्रस्तुत किए।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल उत्पादन मूल्य 1,40,000 करोड़ रुपए से अधिक रहने की संभावना है, जिसमें से लगभग 78 प्रतिशत का योगदान डिफेंस पीएसयू द्वारा किया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने डिफेंस पीएसयू द्वारा उत्पादन मूल्य में हुई वृद्धि की सराहना की, लेकिन साथ ही उन्होंने समयबद्ध तरीके से सशस्त्र बलों और अन्य ग्राहकों को उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने डिफेंस पीएसयू से निर्यात बढ़ाने और अपने उत्पादों के बेहतर विपणन पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ‘महारत्न’ का दर्जा मिलने और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त करने पर बधाई दी। एचएएल, एमडीएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड, मिश्र धातु निगम लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, और बीईएमएल लिमिटेड सहित आठ डिफेंस पीएसयू के अध्यक्षों ने सरकार के पास मौजूद इक्विटी शेयरों पर अंतरिम लाभांश के रूप में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल 2,138 करोड़ रुपए के चेक प्रस्तुत किए।

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Created On :   26 May 2025 10:07 PM IST

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