विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारतीय रियल एस्टेट कंपनियां कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में मजबूत कर रहीं अपनी स्थिति रिपोर्ट
मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)। भारतीय फर्मों ने कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में अपनी मजबूत हिस्सेदारी दर्ज करवाई है। बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स की हिस्सेदारी ग्रॉस लीजिंग एक्टिविटी में 2022 से बढ़ते हुए 46 प्रतिशत हो गई है। जबकि 2017-2019 के दौरान डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स की यही हिस्सेदारी 35 प्रतिशत थी।
जेएलएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू फर्मों का लीजिंग वॉल्यूम 2024 में 31.9 मिलियन वर्ग फीट के साथ एक ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया और यह मजबूत गति 2025 की पहली तिमाही में जारी रही, जिसमें 8.8 मिलियन वर्ग फीट पहले ही लीज पर दिए जा चुके हैं।
बीएफएसआई सेक्टर ने एवरेज ट्रांजैक्शन साइज में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। बीएफएसआई फर्मों ने अपनी जगह की जरूरतों को दोगुना से ज्यादा कर दिया है, जिसमें एवरेज डील साइज 2017-2019 में 10,500-11,500 वर्ग फीट से बढ़कर 2022- 2025 की पहली तिमाही की अवधि में 24,000-25,000 वर्ग फीट हो गया है। यह 125-130 प्रतिशत शानदार वृद्धि को दर्शाता है।
दिल्ली-एनसीआर डोमेस्टिक लीजिंग एक्टिविटी में सबसे आगे है, जबकि मुंबई ने सबसे तेज वृद्धि दिखाई है, जिसमें शहर की हिस्सेदारी लगभग 62 प्रतिशत बढ़ी है।
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च एंड आरईआईएस, भारत प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा, "यह विकास भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था के साथ दक्षता और कंसोलिडेशन पर केंद्रित बदलती कॉर्पोरेट रणनीतियों को दर्शाता है। जबकि ग्लोबल ऑक्यूपायर्स मुख्य आधार बने हुए हैं। वहीं, ऑफिस मार्केट में भारतीय ऑक्यूपायर्स की बढ़ती महत्ता देश में बढ़ती लीजिंग एक्टिविटी स्तर को सपोर्ट करना जारी रखेगी।"
उन्होंने कहा कि इन दोनों में ही अगले 3-4 कैलेंडर वर्षों में भारत के लीजिंग वॉल्यूम को 100 मिलियन वर्ग फुट से अधिक तक ले जाने की क्षमता है।
बीएफएसआई के बाद, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एवरेज डील 7,000-8,000 वर्ग फुट से बढ़कर 15,000-16,000 वर्ग फुट हो गए हैं, जो 100-120 प्रतिशत की वृद्धि है। यह घरेलू उत्पादन क्षमताओं पर भारत के मजबूत और बढ़ते फोकस को दर्शाता है।
जेएलएल, इंडिया के हेड ऑफिस लीजिंग एंड रिटेल सर्विस के सीनियर मैनेजिंग डायरेक्टर (कर्नाटक, केरल) राहुल अरोड़ा ने कहा, "भारत का डोमेस्टिक कॉर्पोरेट रियल एस्टेट लैंडस्केप का विकास, प्रमुख महानगरों में ऑक्यूपायर्स की अलग-अलग प्राथमिकताओं को दर्शाता है। दिल्ली एनसीआर और मुंबई स्पष्ट रूप से अग्रणी बनकर उभरे हैं, लेकिन मांग के कारक अलग-अलग हैं।"
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Created On :   4 Jun 2025 2:29 PM IST