मानवीय रुचि: 'सुल्तानगंज' का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग तेज, लोगों का मिल रहा व्यापक समर्थन

सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम करने की मांग तेज, लोगों का मिल रहा व्यापक समर्थन
बिहार के भागलपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल सुल्तानगंज का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है। इस मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संतों, नागरिकों और व्यवसायियों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल ही 19 जून को सुल्तानगंज नगर परिषद की सामान्य बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को भेजा गया है।

भागलपुर, 28 जून (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल सुल्तानगंज का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है। इस मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संतों, नागरिकों और व्यवसायियों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल ही 19 जून को सुल्तानगंज नगर परिषद की सामान्य बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को भेजा गया है।

नाम बदलने की इस मांग के पीछे एक गहरा धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भ भी है। मान्यता है कि यही वह भूमि है, जहां से गंगा के पुनर्जन्म की कथा शुरू होती है। जब राजा भगीरथ गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाकर अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए प्रयासरत थे, तब गंगा की धारा ने जाह्नवी मुनि की तपस्या भंग कर दी थी। गुस्साए मुनि ने गंगा को अपने कमंडल में समेट लिया, फिर भगीरथ की प्रार्थना पर उन्होंने गंगा को छोड़ दिया। तभी से गंगा को 'जाह्नवी' नाम भी मिला। इसी स्थान पर स्थित है अजगैबीनाथ महादेव मंदिर, जहां आज भी धनुष-बाण लिए शिव की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। यही पवित्र स्थल उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे स्थित है और श्रावण मास में लाखों शिवभक्त यहां आकर डुबकी लगाते हैं।

बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी इस नाम के परिवर्तन के समर्थन में बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे बसी यह पवित्र नगरी प्राचीन काल में ‘अजगैबीनाथ धाम’ के नाम से ही जानी जाती थी। मुगल काल में इसका नाम सुल्तानगंज कर दिया गया था, जिसे अब फिर से बदले जाने की आवश्यकता है।

नगर परिषद के वार्ड पार्षद कृष्ण कुमार ने इस मुद्दे पर सबसे पहले आवाज़ उठाई और कहा कि यह एक धार्मिक स्थल है, इसका नाम सुल्तानगंज नहीं बल्कि 'अजगैबीनाथ धाम' होना चाहिए। हमने प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया है। अब विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अजगैबीनाथ मंदिर के महंत और मुख्य पुजारी प्रेमानंद गिरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि हम लोग पिछले चार-पांच वर्षों से प्रयासरत हैं कि इस पवित्र स्थल का नाम पुनः 'अजगैबीनाथ धाम' रखा जाए। अब यह मांग एक आंदोलन का रूप ले चुकी है। नगर परिषद ने प्रस्ताव भेज दिया है और लगभग 50 फीसदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष भी जल्द पूरा होगा। लोग अब अपने दुकानों और घरों के बैनरों पर 'अजगैबीनाथ धाम' लिखना शुरू कर चुके हैं। हम भी बाबा से प्रार्थना करते हैं कि यह कार्य संपन्न हो।

स्थानीय कांवर विक्रेता विनोद दुबे ने भी नाम परिवर्तन का समर्थन करते हुए कहा कि यहां की उत्तरवाहिनी गंगा और अजगैबीनाथ महादेव का स्थान बेहद पवित्र है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। गंगा में स्नान कर भक्त बोल बम का नारा लगाते हुए देवघर की ओर प्रस्थान करते हैं। ऐसे पवित्र स्थान का नाम 'सुल्तानगंज' नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे 'अजगैबीनाथ धाम' कहा जाना चाहिए।

लोगों का मानना है कि मुगल काल में कई धार्मिक स्थलों के नाम बदले गए थे। अब जब देश के विभिन्न राज्यों- जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया हो रही है, तो बिहार के इस प्राचीन तीर्थस्थल के साथ भी न्याय होना चाहिए।

सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम करने की मांग अब न सिर्फ एक धार्मिक भावना है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन बन चुकी है। नगर परिषद का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास है और यदि यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो यह बिहार की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

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Created On :   28 Jun 2025 5:41 PM IST

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