स्वास्थ्य/चिकित्सा: अस्थमा मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए बरतें खास सावधानी

अस्थमा मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए बरतें खास सावधानी
मानसून का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई बीमारियों की वजह भी बन सकता है। हवा में नमी बढ़ने के साथ ही संक्रमण और एलर्जी फैलाने का जोखिम बढ़ जाता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम कई तरह की परेशानियां पैदा करता है। यहां तक कि यह जानलेवा भी हो सकता है। सांस की तकलीफ, खांसी, सीने में जकड़न, ये सभी समस्याएं इस मौसम में अचानक बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए।

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। मानसून का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई बीमारियों की वजह भी बन सकता है। हवा में नमी बढ़ने के साथ ही संक्रमण और एलर्जी फैलाने का जोखिम बढ़ जाता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम कई तरह की परेशानियां पैदा करता है। यहां तक कि यह जानलेवा भी हो सकता है। सांस की तकलीफ, खांसी, सीने में जकड़न, ये सभी समस्याएं इस मौसम में अचानक बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए।

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, इस पर दुनिया भर से सैकड़ों अध्ययनों को मिलाकर एक रिसर्च की गई, जिसमें पाया गया कि अस्थमा से जुड़ी परेशानियां सामान्य दिनों की तुलना में मानसून में 1.18 गुना ज्यादा बढ़ जाती हैं। खासकर बच्चों और महिलाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर होता है। बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है और वह अक्सर बाहर खेलते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं महिलाएं घर के कार्यों के चलते अधिक जोखिम में रहती हैं- जैसे कि कपड़े सुखाना, झाड़ू-पोंछा करना, नियमित साफ-सफाई आदि जैसे कार्यों में फफूंदी और नमी के संपर्क में आने की संभावना अधिक होती है।

रिसर्च में बच्चों में यह खतरा 1.19 गुना और महिलाओं में 1.29 गुना ज्यादा पाया गया। इसके अलावा, जब तेज तूफान और बारिश आती हैं, तो अस्थमा की समस्या 1.24 गुना बढ़ जाती है।

इस रिसर्च से यह भी सामने आया कि ऐसी स्थितियों में अस्थमा के मरीजों को अस्पताल तक जाना पड़ता है। आपातकालीन विभाग में भर्ती होने का खतरा 1.25 गुना और इसके कारण मौत का खतरा 2.10 गुना तक बढ़ जाता है। यानी मानसून में लापरवाही अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। बारिश में फफूंदी, धूल, परागकण और वायरल संक्रमण जैसे कारण मरीजों की हालत और बिगाड़ सकते हैं।

ऐसे में बेहद जरूरी है कि कुछ आसान उपाय अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जाए। इसके लिए अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। इस मौसम में घर में सीलन और फंगस लगना आम बात है, जो अस्थमा को और बढ़ा सकता है। इसलिए कोशिश करें कि घर हमेशा साफ और सूखा रहे। साथ ही, हवा का प्रवाह बना रहे ताकि फफूंदी न जम सके। फर्नीचर और दीवारों पर नमी न बनने दें।

हर वक्त अपने साथ इन्हेलर या डॉक्टर की बताई गई दवाएं हमेशा पास रखें, खासकर जब आप बाहर जा रहे हों। जरूरी काम से ही बाहर निकले, इस दौरान मास्क लगाना न भूलें। मास्क आपको कई संक्रमणों से सुरक्षित रखेगा।

इसके अलावा, बारिश के मौसम में खानपान का भी खास ध्यान रखें। तला-भुना, ठंडा या बासी खाना खाने से परहेज करें। सबसे जरूरी बात यह है कि समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें ताकि किसी भी खतरे से पहले ही बचाव किया जा सके।

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Created On :   8 July 2025 6:06 PM IST

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