राष्ट्रीय: 'दिल्ली दंगा पूर्व नियोजित साजिश थी', एसजी तुषार मेहता ने शरजील इमाम और खालिद की जमानत का विरोध करते हुए कहा

दिल्ली दंगा पूर्व नियोजित साजिश थी, एसजी तुषार मेहता ने शरजील इमाम और खालिद की जमानत का विरोध करते हुए कहा
दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को जेल में ही रहना चाहिए।

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को जेल में ही रहना चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा, "देश के खिलाफ साजिश रचने वालों का जेल में रहना ही बेहतर है। सिर्फ जेल में लंबे वक्त तक बंद रहने की दलील देकर वो जमानत के अधिकारी नहीं हो जाते।"

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, "दिल्ली दंगा देश के दूसरे दंगों जैसा केस नहीं है कि लोग एकाएक भड़ककर इसमें शामिल हो गए। इन दंगों को सोची समझी और पूर्व नियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। दंगों के लिए ऐसा वक्त चुना गया, जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आने वाले थे। जाहिर तौर पर इसका मकसद राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना था।"

एसजी ने कोर्ट के सामने कहा कि, उनकी मंशा यही थी कि वैश्विक मीडिया इस पर ध्यान दे और देश बदनाम हो जाए। ये सब मीडिया में आया । ये सब मिलकर काम कर रहे थे, गुफिशा, उमर, सब लोग, व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए एक-दूसरे के संपर्क में थे और साज़िश की गई।

इस दंगे में कई पुलिस अधिकारियों और निर्दोष लोगों की जान चली गई। ये कोई अचानक हुआ दंगा नहीं था, ये सोच-समझकर और सुनियोजित तरीके से किया गया था। सॉलिसिटर जनरल ने गुलेल का जिक्र किया जिसके जरिए एसिड, पत्थर, पेट्रोल बम फेंके गए।

उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन ने लोगों को दंगों में भाग लेने के लिए पैसे दिए, ये गवाहों के बयान में दर्ज है। राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से जुड़े मामलों में लंबी कैद कोई मायने नहीं रखती। यह देश की संप्रभुता पर हमला है। राष्ट्रीय राजधानी पर हमले का असर पूरे देश पर पड़ा।सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने शरजील इमाम की विवादित स्पीच को पढ़कर सुनाया। इस स्पीच में शरजील इमाम कहता है-

अगर हमारे पास पांच लाख लोग ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम हिंदुस्तान और नॉर्थ ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए तो कट कर ही सकते हैं। मतलब इतना कूड़ा डालो पटरियों और सड़कों पर कि उन्हें हटाने में ही एक महीना लगे। असम, इंडिया से कटकर अलग हो जाएगा, तभी ये हमारी बात सुनेंगे। असम में जो मुसलमानों का हाल है, आपको पता है?

एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वो देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। धर्म के आधार पर देश के एक हिस्से को अलग करने की बात कर रहे हैं। ऐसे लोग किसी राहत के अधिकारी नहीं हैं।

तुषार मेहता ने कहा, "अगर आप देश के खिलाफ कुछ करते हैं तो आपको जमानत का कोई अधिकार नहीं है।" सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में दावा किया कि शरजील इमाम ने जेएनयू के सेकुलर ढांचे के विपरीत मुस्लिम स्टूडेंट्स का ग्रुप बनाया था।

दिल्ली दंगों को लेकर हुई जांच को तुषार मेहता ने सबसे बेहतरीन जांचों में से एक बताया है। उन्होंने कहा, "मेरे सामने आई सबसे बेहतरीन जांचों में से ये एक (दिल्ली दंगा 2020) है। अदालत के सामने धारा 164 के तहत 58 बयान दर्ज हैं।"

शरजील इमाम और उमर खालिद समेत अन्य की जमानत अर्जी पर एक जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, जिसे 9 जुलाई के लिए टाल दिया गया था। इससे पहले की सुनवाई में मीरान हैदर और शरजील इमाम के वकीलों ने हाईकोर्ट के सामने दलीलें रखी थीं।

दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़े मामले में शरजील इमाम को साल 2020 में बिहार से गिरफ्तार किया गया था। शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप थे, जिसके बाद दिल्ली में हिंसा हुई थी।

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Created On :   9 July 2025 6:10 PM IST

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