धर्म: दिल्ली कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला, गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर होगा भव्य कार्यक्रम

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली की रेखा गुप्ता कैबिनेट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लाल किले पर गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर भव्य कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी। अब इतिहास में पहली बार गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में लाल किला, चांदनी चौक में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। यह वही ऐतिहासिक स्थान है, जहां गुरु साहिब ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था।
यह कार्यक्रम दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में खास लाइट एंड साउंड शो, कीर्तन दरबार, पैनल चर्चाएं, पेंटिंग और ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी और गुरु की शिक्षाओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद और सार्वजनिक पाठ शामिल होगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह आयोजन सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अपने कैबिनेट सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को मंजूरी दी। यह दिल्ली में अपनी तरह का पहला आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायक मार्गदर्शन और सीएम रेखा गुप्ता के प्रभावशाली नेतृत्व के तहत, यह आयोजन दिल्ली और सिख विरासत के रिश्ते को सम्मान और स्थायित्व देगा। गुरु तेग बहादुर का बलिदान सिर्फ सिख इतिहास नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए आजादी, सहिष्णुता और न्याय का संदेश है।"
सिरसा ने बताया, "दिल्ली के जैतपुर क्षेत्र में जो मियावाकी जंगल विकसित किया जा रहा है, वह गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित किया जाएगा, जो प्रकृति और सेवा के प्रति सिख समुदाय की भावना का प्रतीक होगा।"
उन्होंने कहा, “लाल किले पर होने वाला यह दो दिवसीय कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। हम न सिर्फ उस स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जहां गुरु साहिब ने बलिदान दिया, बल्कि उनकी शिक्षाओं को हर नागरिक तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। उनकी वाणी का सार्वजनिक पाठ और अनुवाद लोगों को उनके सार्वभौमिक संदेश से जोड़ने का माध्यम बनेगा।”
इस आयोजन से जुड़ी एक अहम शैक्षणिक पहल के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय ने 'भारतीय इतिहास में सिख शहादत' नाम से नया कोर्स शुरू किया है। इसे सिख समुदाय के न्याय, स्वतंत्रता और मानव गरिमा की रक्षा में दिए गए योगदान की औपचारिक मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
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Created On :   9 July 2025 9:56 PM IST