राष्ट्रीय: बांग्लादेश और पाकिस्तान को चीन हथियार सप्‍लाई करता है प्रफुल्ल बख्शी

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत की सुरक्षा बाहरी और भीतरी दोनों दबावों में है। उन्होंने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गठजोड़ को भारत की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया। इस पर विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने गुरुवार को कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान को चीन हथियार सप्‍लाई करता है।

नई दिल्‍ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत की सुरक्षा बाहरी और भीतरी दोनों दबावों में है। उन्होंने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गठजोड़ को भारत की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया। इस पर विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने गुरुवार को कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान को चीन हथियार सप्‍लाई करता है।

विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने बांग्लादेश और पाकिस्तान, दोनों के साथ साझेदारी की है और दोनों को हथियार सप्लाई कर रहा है। उदाहरण के लिए, मिग-21, चीन ने जिसकी कॉपीराइट का उल्लंघन करके नकल करके उसका एफ-7 संस्करण विकसित किया, उसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को सप्लाई किया गया।

उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के निशाने पर भारत है, वहीं बांग्लादेश के साथ देश के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। चीन दोनों देशों को मिलाकर भारत पर बड़ा दबाव बना रहा है। अगर हम पाकिस्तान से लड़ते हैं तो चीन बांग्लादेश को सपोर्ट कर सकता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पहले ही साफ तोर पर बोल दिया है कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर उनकी नजर हो सकती है। इन चीजों की अनदेखी नहीं की जा सकती।

बख्शी ने कहा कि चीन नॉर्थ ईस्ट में बांग्लादेश से कई हथियारों की सप्लाई करता है। चीन का एक्‍सेस बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ है, अगर लड़ाई होती है तो तीन फ्रंट हो जाएंगे। ऐसे में भारत को अपनी क्षमता बहुत बढ़ानी होगी। पाकिस्तान और बांग्लादेश की साझेदारी इस्लाम को लेकर है। ऐसे में दोनों के बीच करीबी बढ़ रही है। बांग्लादेश धर्म के नाम पर हमारे खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। बांग्लादेश में जबरदस्त तरीके से हिंदुओं पर हमला हो रहा है।

डीआरडीओ ने भारत का पहला माउंटेड गन सिस्टम विकसित कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह अत्याधुनिक तोप प्रणाली भारतीय सेना की ताकत में कई गुना वृद्धि करेगी। इस पर बख्शी ने कहा कि डीआरडीओ की यह उपलब्धि मील का पत्थर साबित होगी। पहले भारत इसके लिए आयात पर निर्भर था। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान 45 से 48 किलोमीटर के क्षेत्र में भारी तोपें चलाई जाती हैं, इससे दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त किया जाता है। जब फायर हो रही होती है तो दुश्मन उसकी टोह लेना चाहता है। ऐसे में फायर करने के बाद अपनी पोजिशन बदलनी जरूरी होती है।

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Created On :   10 July 2025 11:18 PM IST

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