राष्ट्रीय: यूपी के किसानों में बढ़ा तिलहन का क्रेज, पिछले साल की तुलना में रकबे में सवा गुना वृद्धि

लखनऊ, 24 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश तिलहन और दलहन के उत्पादन में निर्भर बने, योगी सरकार की यही मंशा है। सरकार इन दोनों की खेती को लगातार प्रोत्साहन भी दे रही है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इन दोनों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर बने। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
किसानों को ट्रेनिंग के साथ अनुदान पर कृषि यंत्र देने के अलावा उन्नत प्रजाति के रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी अधिक एपीजे वाली उन्नत प्रजातियों के बीज भी अनुदान पर मुहैया कराए जा रहे हैं।
इसके नतीजे भी आने लगे हैं। खरीफ के मौजूदा सीजन के आंकड़े इसके सबूत हैं। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ के मौजूदा सीजन में 21 जुलाई तक तिलहन की सभी प्रमुख फसलों तिल, मूंगफली और सोयाबीन के बोआई का रकबा पिछले सीजन की तुलना में करीब सवा गुना तक बढ़ा है।
साल 2024 में इन फसलों की बोआई का कुल रकबा 432.250 हजार हेक्टेयर था, जो साल 2025 में बढ़कर 547.144 हजार हेक्टेयर हो गया। इसमें तिल के रकबे में तो डेढ़ गुने से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले साल तिल का रकबा 180.26 हजार हेक्टेयर था, जो मौजूदा साल में बढ़कर 303 हजार हेक्टेयर हो गया। साल भर में रकबे की यह बढ़त खुद में अभूतपूर्व है।
इसी तरह इस सीजन की तिलहन की अन्य दो फसलों मूंगफली एवं सोयाबीन के बोआई के रकबे में भी वृद्धि हुई है। इसी समयावधि में सोयाबीन का रकबा 34.12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 40 हजार हेक्टेयर हो गया। मूंगफली का रकबा भी 204 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 218 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया।
जहां तक दलहनी फसलों की बात है तो खरीफ के सीजन की प्रमुख फसल अरहर है। यही सबसे पसंदीदा दाल भी है। अभी इसके बोआई का समय भी है। कुछ किस्मों की बोआई सितंबर तक की जाती है।
लिहाजा इसका रकबा अभी और बढ़ सकता है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, तुलना की अवधि में अरहर की बोआई का रकबा 184 हजार हेक्टेयर से 273 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मूंग भी 30 से बढ़कर 32 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गई है। जबकि, उरद में पीछे है।
खरीफ की बाकी मुख्य फसलों धान एवं मक्के की बोआई का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा 4,193 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 5,546 और मक्के का रकबा 636 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 701 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
कपास के प्रति भी उत्तर प्रदेश के किसानों की रुचि बढ़ी है। इसका रकबा सात हजार हेक्टेयर से 18 हजार तक पहुंच गया है। अगर खरीफ की फसलों के कुल रकबे की बात करें तो पिछले साल करीब 6,574 हजार हेक्टेयर था, जो मौजूदा सीजन में बढ़कर 8,262 हजार हेक्टेयर हो गया है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   24 July 2025 9:25 PM IST