रक्षा: खतरों से निपटने के लिए तकनीक और तीनों सेनाओं में समन्वय प्राथमिकता सीडीएस अनिल चौहान

खतरों से निपटने के लिए तकनीक और तीनों सेनाओं में समन्वय प्राथमिकता  सीडीएस अनिल चौहान
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने आज के युद्ध के बदलते स्वरूप पर बात की। युद्ध के बदलते स्वरूप से उत्पन्न हो रहे सुरक्षा खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उन्होंने विघटनकारी तकनीकों को शीघ्रता से अपनाने, पारंपरिक सैन्य ढांचों पर पुनर्विचार करने और थल, जल एवं वायु सेनाओं के बीच त्रिसेवा समन्वय को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने आज के युद्ध के बदलते स्वरूप पर बात की। युद्ध के बदलते स्वरूप से उत्पन्न हो रहे सुरक्षा खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उन्होंने विघटनकारी तकनीकों को शीघ्रता से अपनाने, पारंपरिक सैन्य ढांचों पर पुनर्विचार करने और थल, जल एवं वायु सेनाओं के बीच त्रिसेवा समन्वय को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मंगलवार को दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित ‘एनुअल ट्राइडेंट लेक्चर सीरीज’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह व्याख्यान श्रृंखला सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित की गई थी।

सीडीएस जनरल चौहान ने सुरक्षा के कई प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने तकनीकी समागम और एकीकृत सैन्य संचालन के महत्व को रेखांकित किया। सेना में तकनीक व संयुक्तता के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और संयुक्त दृष्टिकोण अनिवार्य हैं।

उन्होंने बताया कि आधुनिक युद्धक्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए हमें सोच, रणनीति और ढांचे, तीनों स्तरों पर परिवर्तन लाना होगा। इस अवसर पर भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की स्मृति में तैयार किए गए प्रथम ‘जनरल बिपिन रावत पेपर’ का विमोचन किया गया। यह पेपर ‘मैंड-अनमैन्ड टीमिंग’ यानी मानव-संग स्वचालित प्रणालियों की साझेदारी पर केंद्रित है।

सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज की प्रमुख पत्रिका ‘सिनर्जी’ के अगस्त 2025 अंक का भी विमोचन किया गया। इसमें उभरते रणनीतिक रुझानों पर विस्तृत लेख शामिल हैं। यहां कई अन्य सैन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने “त्रिसेवा सुधारों में तत्परता” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने सुधारों के लिए आवश्यक संस्थागत कदमों और समयसीमा को स्पष्ट किया।

डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (सिद्धांत, संगठन और प्रशिक्षण) ने “भविष्य की सैन्य रणनीति में भारतीय सांस्कृतिक राज्यकला का समावेश” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय सभ्यता से प्राप्त सैन्य ज्ञान को आधुनिक सैन्य दृष्टिकोण से जोड़ने पर विचार प्रस्तुत किए।

एनुअल ट्राइडेंट लेक्चर सीरीज एक ऐसा मंच है, जो रणनीतिक दृष्टिकोण, नीति नवाचार और सैन्य भविष्य दृष्टि के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा और युद्ध की बदलती प्रवृत्तियों पर मंथन का अवसर प्रदान करता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   5 Aug 2025 6:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story