राजनीति: बिहार मतदाता सूची से अधिक संख्या में लोगों का नाम हटना गंभीर मामला हुसैन दलवई

बिहार मतदाता सूची से अधिक संख्या में लोगों का नाम हटना गंभीर मामला  हुसैन दलवई
बिहार में इस वर्ष चुनाव होने हैं। राज्य में मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण कराने को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने बुधवार को बिहार की वोटर लिस्ट से अधिक संख्या में मतदाताओं के नाम को हटाए जाने का दावा किया।

मुंबई, 6 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में इस वर्ष चुनाव होने हैं। राज्य में मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण कराने को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने बुधवार को बिहार की वोटर लिस्ट से अधिक संख्या में मतदाताओं के नाम को हटाए जाने का दावा किया।

कांग्रेस नेता दलवई ने आईएएनएस से कहा, "बिहार में बड़ी संख्या में लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो बहुत गंभीर मामला है। चुनाव आयोग को निष्पक्षता से काम करना चाहिए, न कि केंद्र सरकार के इशारों पर। किसी को वोट देने के अधिकार से वंचित करना संविधान के खिलाफ है। चुनाव आयोग को इस रवैये से बचना होगा।"

उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे की मुलाकात को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा, 'इंडिया' ब्लॉक पूरी तरह एकजुट है। यह सरकार की नीतियों के खिलाफ बना एक मजबूत मंच है। अलग-अलग राज्यों में रणनीति के अनुसार चुनाव लड़ा जा सकता है, लेकिन गठबंधन में कोई दरार नहीं है। उद्धव ठाकरे की राहुल गांधी से मुलाकात स्वागत योग्य है। अब राज ठाकरे भी सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।

उत्तराखंड त्रासदी पर उन्होंने कहा, "उत्तराखंड में जो संकट आया है, वह बहुत चिंताजनक है। वहां बड़ी संख्या में महाराष्ट्र से लोग पर्यटन के लिए जाते हैं। वहां की सरकार को इसकी गंभीरता से समीक्षा करनी चाहिए और केंद्र सरकार को भी हर संभव मदद देनी चाहिए।"

उन्होंने दादर कबूतर खाना विवाद पर कहा, "जैन समाज हमारे अपने हैं। विले पार्ले में उनका एक पुराना मंदिर तोड़ा गया, जो पूरी तरह गलत है। मंदिर चाहे किसी धर्म का हो, उसे तोड़ना निंदनीय है। जहां तक कबूतर खाना का सवाल है, कबूतरों की वजह से बीमारियां फैलती हैं। मैं यह नहीं कहता कि कबूतरों को मारा जाए, लेकिन जहां ज्यादा आबादी नहीं है, वहां उनके लिए जगह बनाई जानी चाहिए। महानगरपालिका जो भी कदम उठा रही है, वह सही दिशा में है। जैन समाज दूसरों को कष्ट पहुंचाने वाला नहीं है, इसीलिए इस विषय में संतुलित और व्यावहारिक दृष्टिकोण जरूरी है।"

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Created On :   6 Aug 2025 2:54 PM IST

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