राजनीति: दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया गुलाम अली खटाना

दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया  गुलाम अली खटाना
भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर बार-बार आरोप लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने सदन की कार्रवाई को बार-बार बाधित किया।

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर बार-बार आरोप लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने सदन की कार्रवाई को बार-बार बाधित किया।

आईएएनएस से बातचीत में भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें एक स्वस्थ विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए। उन्हें अपनी ताकत रचनात्मक और सकारात्मक विपक्ष में लगानी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह संसद के प्रश्नकाल का समय बर्बाद करते हैं।

उन्होंने कहा कि देश की जनता को अपने सांसद से बहुत उम्मीदें होती हैं कि वे सदन में उनसे जुड़े मुद्दों को उठाएंगे। लेकिन, जिस तरह से उन्होंने सदन की कार्यवाही बाधित की, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की परमाणु धमकी पर उन्होंने कहा कि मुनीर ने पाकिस्तान में लोकतंत्र की हत्या की है, इसलिए अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए वे ऐसे बयान देते हैं। यह उनकी मजबूरी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।

भाजपा सांसद ने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें ओवैसी ने 15 अगस्त पर मांस की दुकानों को बंद करने के फैसले को असंवैधानिक बताया।

गुलाम अली खटाना ने कहा कि ओवैसी प्रोपेगेंडा के तहत बयान देते हैं। भाजपा का ऐसा कोई स्टैंड नहीं है। हमारा स्टैंड साफ है कि अगर कोई गंदगी फैला रहा है या भारतीय संस्कृति के खिलाफ है तो कानून अपना काम करता है।

भाजपा सांसद ने असदुद्दीन ओवैसी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में हाथ धोने की जरूरत नहीं है।

ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, "ऐसा लगता है कि भारत भर के कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। दुर्भाग्य से, जीएचएमसी ने भी ऐसा ही आदेश दिया है। यह संवेदनहीन और असंवैधानिक है। मांस खाने और स्वतंत्रता दिवस मनाने के बीच क्या संबंध है? तेलंगाना के 99 प्रतिशत लोग मांस खाते हैं। ये प्रतिबंध लोगों की स्वतंत्रता, निजता, आजीविका, संस्कृति, पोषण और धर्म के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।"

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Created On :   13 Aug 2025 4:54 PM IST

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