अंतरराष्ट्रीय: नैरोबी 'शांति की प्रतिध्वनि' सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का केन्याई सत्र आयोजित

नैरोबी  शांति की प्रतिध्वनि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का केन्याई सत्र आयोजित
चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) द्वारा आयोजित 'शांति की प्रतिध्वनि' सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का केन्याई सत्र हाल ही में नैरोबी में आयोजित किया गया।

बीजिंग, 23 अगस्त (आईएएनएस)। चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) द्वारा आयोजित 'शांति की प्रतिध्वनि' सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का केन्याई सत्र हाल ही में नैरोबी में आयोजित किया गया।

इस दौरान, केन्या स्थित चीनी दूतावास के कार्यवाहक राजदूत चांग चीचोंग, केन्या के सूचना, संचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के उप मंत्री स्टीफन इसाबोके सहित 200 से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

इस मौके पर सीएमजी महानिदेशक शन हाईश्योंग ने वीडियो भाषण दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीनी जनता के जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ है। इतिहास सर्वोत्तम पाठ्यपुस्तक है। आज के परिवर्तन और उथल-पुथल से भरे विश्व में, हमें इस शानदार इतिहास से ज्ञान और शक्ति प्राप्त करने तथा आम चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। केवल इतिहास को याद रखकर ही हम शांति की दृढ़तापूर्वक रक्षा कर सकते हैं, निष्पक्षता और न्याय की रक्षा कर सकते हैं, तथा बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

शन हाईश्योंग के अनुसार, इस आयोजन के लिए, सीएमजी ने 'फ्लाइंग टाइगर्स' और 'द सिंकिंग ऑफ द लिस्बन मारू' जैसी उत्कृष्ट चीनी फिल्म और टेलीविजन कृतियां प्रस्तुत कीं। उन्हें विश्वास है कि हर कोई इनसे शांति के महत्व को समझ सकता है और शांति की रक्षा करने की जिम्मेदारी ले सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि शांति न केवल इतिहास की एक गहन प्रतिध्वनि है, बल्कि भविष्य के लिए एक साझा आकांक्षा और प्रयास भी है। आज की दुनिया शांति से कोसों दूर है। उन्होंने केन्याई मित्रों से इतिहास से सीखते हुए एक साझा भविष्य का निर्माण करने, हाथ मिलाकर मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करने का आह्वान किया, ताकि शांति की धूप मानव जाति के घर को रोशन कर सके।

वहीं, केन्या में चीनी कार्यवाहक राजदूत चांग चीचोंग ने अपने भाषण में कहा कि शांति कोई अमूर्त अवधारणा नहीं है, बल्कि लाखों साधारण लोगों की साझा इच्छा है। उन्होंने वृत्तचित्र फिल्म 'द सिंकिंग ऑफ द लिस्बन मारू' को उदाहरण देते हुए कहा कि इस फिल्म में चीनी मछुआरों ने संकट के समय ब्रिटिश युद्धबंदियों को बचाया, जिससे मानवता का वैभव और शांति में विश्वास का प्रदर्शन हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध की जीत उन सभी की है, जो शांति के लिए लड़ते हैं। हमें इतिहास से सीखना चाहिए, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और भावनाओं का पालन करते हुए एकतरफावाद और आधिपत्यवाद का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए, और हाथ मिलाकर मानव जाति के सुंदर साझा भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करना चाहिए।

उधर, केन्या के सूचना, संचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के उप मंत्री स्टीफन इसाबोके ने अपने भाषण में द्वितीय विश्व युद्ध में अपने दादा के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि केन्या और चीन दोनों ने इतिहास में आक्रमण और उत्पीड़न का अनुभव किया है, और हमारे लोगों ने स्वतंत्रता और सम्मान के लिए अपने संघर्ष के माध्यम से एक गहरी मित्रता स्थापित की है। इतिहास के निशान हमें याद दिलाते हैं कि शांति कठिन परिश्रम से प्राप्त होती है और इसे मिलकर सुरक्षित रखना होगा।

मीडिया की जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया न केवल सूचना का प्रसारक है, बल्कि स्मृति का संरक्षक और शांति का निर्माता भी है। अफ्रीकी और चीनी मीडिया को आदान-प्रदान और सहयोग को और गहरा करना चाहिए और एक शांतिपूर्ण और सुंदर विश्व के निर्माण में योगदान देना चाहिए।

बता दें कि इस आयोजन में अफ्रीका में सीएमजी जनरल स्टेशन ने केन्याई रेडियो कंपनी को उत्कृष्ट कार्यक्रमों की श्रृंखला भेंट की और वृत्तचित्र फिल्में 'द सिंकिंग ऑफ द लिस्बन मारू' तथा चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध से संबंधित सीएमजी द्वारा बनाई गई वृत्तचित्र फिल्म 'लंबी दीवार का गीत: रीढ़' को प्रदर्शित किया गया।

केन्या रेडियो कंपनी, केन्या सिटीजन टेलीविजन, इथियोपियाई समाचार एजेंसी, जाम्बिया 5एफएम रेडियो, कांगो समाचार नेटवर्क आदि कई अफ्रीकी देशों में मुख्यधारा वाले मीडिया ने इस कार्यक्रम पर रिपोर्ट की, 20 से अधिक अफ्रीकी देशों में लगभग 60 करोड़ दर्शकों तक इसकी पहुंच हुई।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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Created On :   23 Aug 2025 10:50 PM IST

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