अंतरराष्ट्रीय: चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करता है चीनी विदेश मंत्रालय

चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करता है  चीनी विदेश मंत्रालय
15 सितंबर को, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एक पत्रकार ने चीन के ताइवान क्षेत्र के मुख्य भूमि मामलों की परिषद के अध्यक्ष छो छ्वेई-चेंग की हालिया अमेरिका यात्रा और उनके तथाकथित "ताइवान पर मुख्य भूमि चीन के सैन्य हमले" के कथन को लेकर सवाल पूछा।

बीजिंग, 15 सितंबर (आईएएनएस)। 15 सितंबर को, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एक पत्रकार ने चीन के ताइवान क्षेत्र के मुख्य भूमि मामलों की परिषद के अध्यक्ष छो छ्वेई-चेंग की हालिया अमेरिका यात्रा और उनके तथाकथित "ताइवान पर मुख्य भूमि चीन के सैन्य हमले" के कथन को लेकर सवाल पूछा।

लिन च्येन ने कहा कि दुनिया में केवल एक चीन है, और ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है। ताइवान जलडमरूमध्य में यही वास्तविक यथास्थिति है। "ताइवान स्वतंत्रता" अलगाववादी आंदोलन और बाहरी ताकतों की मिलीभगत और समर्थन ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।

लिन च्येन के अनुसार चीन अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक और सैन्य आदान-प्रदान का कड़ा विरोध करता है और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करता है। हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों का गंभीरता से पालन करे और "ताइवान स्वतंत्रता" अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजना बंद करे।

एक पत्रकार ने दक्षिण चीन सागर की ताज़ा स्थिति और “दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता” के बारे में पूछा।

लिन च्येन ने कहा कि पिछले हफ़्ते हमने संबंधित मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया था और आज हमने अमेरिका की ग़लत टिप्पणियों के खिलाफ गंभीर विरोध दर्ज कराया है। हुआंगयेन द्वीप चीन का अभिन्न अंग है और हुआंगयेन द्वीप राष्ट्रीय प्रकृति रिजर्व की स्थापना चीन की संप्रभुता के भीतर, वैध और निर्विवाद है।

वर्तमान में, चीन और आसियान देशों के संयुक्त प्रयासों से, दक्षिण चीन सागर में स्थिति सामान्यतः स्थिर है। अमेरिका, जो दक्षिण चीन सागर मुद्दे का पक्षकार नहीं है, ने बार-बार गैर-ज़िम्मेदाराना टिप्पणियां की हैं और इस प्रक्रिया में बाधा डाली है, कुछ देशों को विवाद पैदा करने और तनाव बढ़ाने के लिए उकसाया है, जिससे पहले से शांतिपूर्ण दक्षिण चीन सागर में अशांति पैदा हो गई है। "दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता" वैधता की आड़ में अमेरिका द्वारा रचा गया एक राजनीतिक तमाशा मात्र है। यह तथाकथित "निर्णय" अवैध, अमान्य है और इसका कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है। चीन न तो इसे स्वीकार करता है और न ही मान्यता देता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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Created On :   15 Sept 2025 6:06 PM IST

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