राजनीति: महाराष्ट्र कांग्रेस सांसद किरसान ने भाजपा पर 'वोट चोरी' कर सत्ता हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया

महाराष्ट्र कांग्रेस सांसद किरसान ने भाजपा पर वोट चोरी कर सत्ता हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया
कांग्रेस सांसद नामदेव किरसान ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने चुनावों में वोट चोरी करके सत्ता हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया। कांग्रेस के इस आरोप पर माओवादी संगठन ने कथित तौर पर पर्चा प्रकाशित किया, जिसपर किरसान ने समर्थन की बात कही।

गडचिरौली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद नामदेव किरसान ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने चुनावों में वोट चोरी करके सत्ता हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया। कांग्रेस के इस आरोप पर माओवादी संगठन ने कथित तौर पर पर्चा प्रकाशित किया, जिसपर किरसान ने समर्थन की बात कही।

कांग्रेस सांसद नामदेव किरसान ने आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा पर 'वोट चोरी' कर सत्ता हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर माओवादी संगठन द्वारा कथित तौर पर कांग्रेस के समर्थन में 11 पन्नों का एक पर्चा प्रकाशित किए जाने की खबर ने सनसनी फैला दी है। इस पर्चे और बीजेपी पर लगे आरोपों को लेकर किरसान ने बड़ा बयान दिया है।

नामदेव किरसान ने कहा, "माओवादी संगठन, जो हमेशा से चुनाव प्रक्रिया का विरोध करते रहे हैं, अब कांग्रेस के वोट चोरी के आरोप का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन गडचिरौली जिले की हकीकत यह है कि नक्सल प्रभाव के कारण कई वर्षों तक 45 से 55 गांवों में मतदान ही नहीं हो सका।"

उन्होंने माओवादियों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गैर-हिस्सेदारी पर सवाल उठाते हुए कहा, "नक्सली न तो वोट देते हैं, न ही चुनाव में हिस्सा लेते हैं। ऐसे संगठनों का समर्थन या विरोध, दोनों ही संदिग्ध हैं।"

किरसान ने माओवादी पर्चे की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "यह पर्चा किसने और क्यों जारी किया, इसकी कोई पुष्टि नहीं है। पहले भी आईटी सेल के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिशें हो चुकी हैं। बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप और माओवादियों का समर्थन, दोनों ही संदेहास्पद हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव सभी दलों के लिए समान होते हैं और सिर्फ बीजेपी के खिलाफ प्रक्रिया का विरोध होने का दावा तर्कसंगत नहीं है।

किरसान ने कहा, "जब तक इस पर्चे की प्रामाणिकता साबित नहीं होती, इसे सच नहीं माना जा सकता।" इस विवाद ने गडचिरौली में राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है, जहां नक्सलवाद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पहले से ही जटिल मुद्दे रहे हैं।

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Created On :   15 Sept 2025 11:37 PM IST

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