अपराध: छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच में ईडी ने हुडको भिलाई में छापा मारा

छत्तीसगढ़  कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच में ईडी ने हुडको भिलाई में छापा मारा
कथित कस्टम मिलिंग घोटाले केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को भिलाई के हुडको में छापेमारी की। चार सदस्यीय ईडी टीम सुबह करीब 6 बजे भिलाई पहुंची और सुधाकर रावके के ठिकानों पर तलाशी और पूछताछ शुरू की।

दुर्ग/भिलाई, 18 सितंबर (आईएएनएस)। कथित कस्टम मिलिंग घोटाले केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को भिलाई के हुडको में छापेमारी की। चार सदस्यीय ईडी टीम सुबह करीब 6 बजे भिलाई पहुंची और सुधाकर रावके के ठिकानों पर तलाशी और पूछताछ शुरू की।

सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी कस्टम मिलिंग अनुबंधों में वित्तीय अनियमितताओं को लक्षित करने वाले एक व्यापक अभियान का हिस्सा है, जो राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति क्षेत्र में खरीद और भुगतान प्रक्रियाओं पर गंभीर चिंताएं पैदा करने वाला मुद्दा है।

ईडी टीम कथित रूप से हुडको में भूमि आवंटन, वित्तीय लेन-देन और अनुबंध रिकॉर्ड से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है, जो इस घोटाले में महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं। यह छापेमारी समूचे छत्तीसगढ़ में की जा रही कई समन्वित कार्रवाइयों में से एक है। सूत्रों के अनुसार, 10 अलग-अलग जिलों में एक साथ छापेमारी चल रही है।

ईडी ने जांच के दायरे में आने वाले प्रमुख स्थानों और व्यक्तियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कस्टम मिलिंग अनुबंधों में शामिल कई सरकारी कार्यालय और निजी संस्थाएं जांच के घेरे में हैं।

कस्टम मिलिंग घोटाला, जिसमें कथित तौर पर चावल खरीद और मिलिंग रिकॉर्ड में हेराफेरी शामिल है, अपने बड़े पैमाने और संभावित राजनीतिक परिणामों के कारण ध्यान आकर्षित कर रहा है। जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए बिल, फर्जी मिलें और जाली दस्तावेजों के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ होगा।

सूत्रों ने बताया कि हुडको परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ईडी के अधिकारियों ने प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है और जांचे जा रहे दस्तावेजों के बारे में पूरी गोपनीयता बरती है।

प्रमुख अधिकारियों से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और समन जारी होने की उम्मीद है।

यह एक महीने के भीतर दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में ईडी की दूसरी बड़ी छापेमारी है, जो छत्तीसगढ़ में वित्तीय अपराधों पर एजेंसी के कड़े एक्शन को दर्शाती है।

हालांकि, इस मामले में राज्य सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि छापेमारी के समय और पैमाने का आगामी प्रशासनिक समीक्षाओं और खरीद प्रणालियों में जनता के विश्वास पर प्रभाव पड़ सकता है।

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Created On :   18 Sept 2025 3:30 PM IST

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