सीख की परंपरा में कैसे हुई गलती? अब सुधारने की बात: पैदलयात्रियों की गलती को सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पिछले सौ साल से हमें रोड़ पर बाएं चलने की सीख दी जाती है, बचपन में दी गई ये सीख हमारी आदत बन चुका है, और इसी नियम का पालन करते हुए हम सड़क पर बाएं हाथ पर पैदल चलते है। जो कि गलत है। आपको बता दें सड़क पर बाएं चलने का नियम गाड़ियों के लिए हैं न कि पैदल चलने वालों के लिए। गलत चलने की वजह से अधिकतर पैदल यात्री सड़क पर हादसे का शिकार हो जाते है क्योंकि उन्हें पीछे से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते है।
सड़क पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए सबसे बड़ा खतरा, वाहनों की दिशा में यानी उनकी ओर पीठ करके चलना है। इस जानलेवा घातक लापरवाही गड़बड़ी को ठीक करने के लिए मध्यप्रदेश के जबलपुर से सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञान प्रकाश ने देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
ज्ञान प्रकाश ने अपनी पिटीशन में सड़क पर मरने वाले लोगों के आंकड़े दिए हैं। उन्होंने अपनी याचिका में देश में सड़क पर चलने वालों के लिए नियम कायदे बनाने की बात पर जोर दिया है। याचिका में कहा है कि पिछले 100 साल से पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोग ये गलती दोहरा रहे हैं? सड़क परिवहन मंत्रालय के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, टू व्हीलर के बाद सड़क हादसों में सबसे ज्यादा जान गंवाने वाले पैदल यात्री हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
Created On :   6 Oct 2025 1:37 PM IST