महिलाओं के लिए बड़ी पहलें: पीएम मोदी ने 11 साल के कार्यकाल में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए किए बड़े कार्य

पीएम मोदी ने 11 साल के कार्यकाल में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए किए बड़े कार्य
  • 2019 में तीन तलाक पर रोक
  • 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, 2016 में उज्ज्वला योजना
  • 2023 में नारी शक्ति वंदन अधिनियम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के 11 साल में महिलाओं के लिए बड़ी पहलें शुरु की। पीएम मोदी की इन योजनाओं से महिलाओं के जीवन स्तर से लेकर उनकी सामाजिक भागीदारी में इजाफा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा।

पिछले 11 सालों में केंद्र सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार और सम्मान को ध्यान में रखते हुए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। जहाँ एक ओर महिलाओं को सामाजिक बंधनों से मुक्ति दिलाने वाले बड़े फैसले हुए, वहीं दूसरी ओर गरीब और वंचित वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाएँ भी सामने आईं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर उज्ज्वला योजना तक, मातृत्व अवकाश से लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम तक—मोदी सरकार ने हर स्तर पर महिलाओं की भूमिका को मज़बूत करने का प्रयास किया। आइए जानते हैं 11 सालों में महिलाओं के लिए लाई गई प्रमुख योजनाएँ और फैसले।

1. तीन तलाक पर रोक (2019)

मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की प्रथा से मुक्ति दिलाई। संसद से कानून पारित कर इसे गैर-कानूनी घोषित किया गया।

2. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (2015)

लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए शुरू की गई यह योजना पूरे देश में जागरूकता अभियान बनी।

3. उज्ज्वला योजना (2016)

गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देकर धुएँ से होने वाली बीमारियों से बचाया गया।

4. मातृत्व अवकाश 26 सप्ताह (2017)

कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 12 से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया, ताकि माताओं और नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

5. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (2017)

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता दी गई, ताकि पोषण और स्वास्थ्य बेहतर हो सके।

6. सुकन्या समृद्धि योजना (2015)

बेटियों के भविष्य और शिक्षा/शादी के लिए सुरक्षित निवेश योजना शुरू की गई।

7. वन स्टॉप सेंटर और महिला हेल्पलाइन (2015)

महिलाओं को हिंसा, उत्पीड़न और कानूनी परेशानियों से तुरंत मदद के लिए केंद्र और हेल्पलाइन शुरू की गई।

8. स्टैंड-अप इंडिया और महिला ई-हब (2016)

महिला उद्यमियों को लोन और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया।

9. पोषण अभियान (2018)

कुपोषण से लड़ने और महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू हुआ।

10. महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा (2014–2025)

सरकार ने लाखों SHGs को लोन, प्रशिक्षण और मार्केट से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया।

11. नारी शक्ति वंदन अधिनियम (2023)

महिलाओं को राजनीति में सम्मानजनक हिस्सेदारी देने के लिए संसद और विधानसभाओं में 33% आरक्षण सुनिश्चित करने वाला ऐतिहासिक कानून पारित हुआ।

इन 11 सालों में मोदी सरकार ने महिलाओं को सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उनके सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को राष्ट्रीय नीति का अहम हिस्सा बनाया। कभी वोट डालने भर को लोकतंत्र का हिस्सा मानी जाने वाली महिलाएं अब चुनावी जीत की धुरी बन चुकी हैं।

Created On :   18 Sept 2025 1:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story