संजय बांगर टेस्ट क्रिकेट में भारत के 'लकी चार्म', जिन्होंने बतौर कोच भी खुद को साबित किया

संजय बांगर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लकी चार्म, जिन्होंने बतौर कोच भी खुद को साबित किया
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर आज एक कोच और कमेंटेटर के तौर पर काफी मशहूर हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने खिलाड़ियों के तकनीकी सुधार और टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद की। बांगर टेस्ट क्रिकेट में भारत के 'लकी चार्म' साबित हुए।

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर आज एक कोच और कमेंटेटर के तौर पर काफी मशहूर हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने खिलाड़ियों के तकनीकी सुधार और टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद की। बांगर टेस्ट क्रिकेट में भारत के 'लकी चार्म' साबित हुए।

11 अक्टूबर 1972 को महाराष्ट्र में जन्मे संजय बांगर ने 21 साल की उम्र में रेलवे की ओर से खेलते हुए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। इस दौरान उन्होंने बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी में भी अपना प्रभाव दिखाया।

घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद संजय बांगर को साल 2001 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की टेस्ट टीम में स्थान मिला। उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध मोहाली में अपना पहला टेस्ट खेला, जिसमें भारत की पहली पारी के दौरान 110 गेंदों का सामना करते हुए 36 रन बनाए।

फरवरी 2002 को संजय बांगर अपना दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरे। उन्होंने नागपुर में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद शतक जड़ा, जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने यह मुकाबला पारी और 101 रन से अपने नाम किया। हालांकि, उनका टेस्ट करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका।

रोचक बात यह है कि संजय बांगर ने अपने करियर में कुल 12 टेस्ट मैच खेले। न्यूजीलैंड में उनके आखिरी दो टेस्ट मैचों को छोड़कर भारत ने उन सभी टेस्ट मुकाबलों को नहीं गंवाया जिनमें संजय खेले। यहां तक कि इस दौरान टीम इंडिया ने विदेशों में तीन दुर्लभ जीत भी दर्ज कीं।

संजय बांगर ने साल 2002 में वनडे फॉर्मेट में डेब्यू किया। नवंबर में उन्होंने अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ 41 गेंदों में नाबाद 57 रन बनाते हुए 325 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को असंभव-सी नजर आने वाली जीत दिलाई।

हालांकि, इसके बाद उनकी फॉर्म में लगातार गिरावट आई और जनवरी 2004 में खेला गया मुकाबला उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच साबित हुआ।

इसके बाद संजय बांगर घरेलू क्रिकेट में वापस लौटे। वह रेलवे टीम का अभिन्न अंग बने रहे। वह कप्तान बने और 2004-05 सीजन में टीम को जीत दिलाई। 2009 में कोलकाता नाइट राइडर्स का प्रतिनिधित्व करने से पहले, संजय बांगर ने आईपीएल के पहले संस्करण में डेक्कन चार्जर्स की ओर से खेला।

संजय बांगर इंडिया-ए के कोच रहे, उन्हें साल 2010 में आईपीएल टीम कोच्चि टस्कर्स केरला के बल्लेबाजी कोच बनाया गया। साल 2014 में संजय बांगर को किंग्स इलेवन पंजाब ने कोच नियुक्त किया। संजय भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच भी रहे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संजय बांगर ने भारत की ओर से 12 टेस्ट मुकाबलों में 29.37 की औसत के साथ 470 रन बनाए। वहीं, 15 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 13.84 की औसत के साथ 180 रन जुटाए। दोनों ही फॉर्मेट में संजय बांगर के नाम 7-7 विकेट रहे।

165 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 33.13 की औसत के साथ 8,349 रन बनाए। इस दौरान 13 शतक और 49 अर्धशतक शामिल रहे। वहीं, 112 लिस्ट-ए मुकाबलों में संजय बांगर ने 3 शतक और 15 अर्धशतकों के साथ 2,560 रन जोड़े।

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Created On :   10 Oct 2025 2:35 PM IST

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