व्यापार: जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र निर्यात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा शांतनु ठाकुर

जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र निर्यात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा शांतनु ठाकुर
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है और निर्यात को बढ़ाने में जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है और निर्यात को बढ़ाने में जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक्सपोर्ट लॉजिस्टिक्स पर एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र के विकास पर समान और संतुलित ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे कहा कि माल परिवहन में जहाजों के टर्नअराउंड समय को कम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। 70 प्रतिशत व्यापार जहाजरानी (शिपिंग) के माध्यम से होता है, इसलिए जहाजरानी उद्योग के व्यापक विकास की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के तेज विकास के लिए एआई का उपयोग भी जरूरी है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र से लेकर भारत के उत्तर-पश्चिम भाग तक, प्रथम मील और अंतिम मील, दोनों तरह के संपर्कों को शामिल करते हुए, एक मजबूत कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए बेहतर संचार की आवश्यकता का जिक्र किया।

कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने भारत की लॉजिस्टिक्स यात्रा के तीन महत्वपूर्ण कारकों के बारे में बताया। पहला, कंटेनर क्रांति ने वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) की भूमिका को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने जीवीसी में भारत की भागीदारी बढ़ाने में देश के चल रहे और पिछले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ताओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मल्टीमॉडल परिवहन में कमियों की पहचान और सभी हितधारकों को एक साथ लाने से लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी, जिससे निर्यात और भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

दूसरा, अग्रवाल ने बताया कि भारत के कृषि क्षेत्र में कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने के अलावा, अधिक एयर कार्गो स्पेस, पोर्ट स्पेस, रेल और सड़क स्पेस की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि 2027 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि भारत जिस लॉजिस्टिक्स यात्रा पर निकल रहा है वह टिकाऊ हो और न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन करे।

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Created On :   10 July 2025 6:58 PM IST

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