राजनीति: ट्रंप प्रशासन को भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात को स्पष्ट करना चाहिए था सपा नेता उदयवीर सिंह

ट्रंप प्रशासन को भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात को स्पष्ट करना चाहिए था  सपा नेता उदयवीर सिंह
समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने बुधवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री की तरफ से पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर सामने आए स्पष्टीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह स्पष्टीकरण ट्रंप प्रशासन की तरफ से आना चाहिए था, क्योंकि इस पूरे विवाद का जन्मदाता कोई और नहीं, बल्कि राष्ट्रपति ट्रंप ही थे। ऐसे में अगर उनके प्रशासन की तरफ से कोई बयान आता, तो स्थिति और ज्यादा स्पष्ट हो पाती।

लखनऊ, 18 जून (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने बुधवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री की तरफ से पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर सामने आए स्पष्टीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह स्पष्टीकरण ट्रंप प्रशासन की तरफ से आना चाहिए था, क्योंकि इस पूरे विवाद का जन्मदाता कोई और नहीं, बल्कि राष्ट्रपति ट्रंप ही थे। ऐसे में अगर उनके प्रशासन की तरफ से कोई बयान आता, तो स्थिति और ज्यादा स्पष्ट हो पाती।

उन्होंने कहा कि विदेश सचिव कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर 35 मिनट तक बात हुई, तो ऐसी सूरत में उनको लगे हाथों यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि दोनों ही राष्ट्रध्यक्षों के बीच बातचीत में इतना लंबा समय क्यों लग गया?

सपा नेता ने कहा कि ये तो अबकी बार ट्रंप सरकार और माय फ्रेंड ट्रंप जैसे नारे लगाने वाले लोग हैं। ऐसी स्थिति में इन लोगों के बीच तो किसी भी विषय पर मतभेद होना ही नहीं चाहिए था। इन लोगों को काफी पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर लेनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि देश को गुमराह करने का काम ट्रंप के प्रशासन ने तो नहीं किया। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि किसी के बीच कोई दुविधा की स्थिति पैदा नहीं हो।

उन्होंने कहा कि सरकार दुविधा में है, कभी यह लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ अभियान जारी है, तो कभी कहते हैं कि सबकुछ सामान्य स्थिति में है। मुझे लगता है कि सरकार को इस संबंध में संसद का विशेष सत्र बुलाकर अपनी पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और यह साफ कर देना चाहिए कि मौजूदा समय में कैसी स्थिति बनी हुई है, ताकि देश की जनता के बीच किसी भी विषय को लेकर मतभेद नहीं हो। यह देश के लिए संवेदनशील विषय है। ऐसे में इसे लेकर सुविधा के हिसाब से बयान नहीं दिया जाना चाहिए। अगर सीजफायर हुआ है, तो स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 35 मिनट चली बातचीत में पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है और भविष्य में भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।

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Created On :   18 Jun 2025 4:39 PM IST

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