करूर भगदड़ मामला सीबीआई के सामने पेश हुए टीवीके के पदाधिकारी

करूर भगदड़ मामला  सीबीआई के सामने पेश हुए टीवीके के पदाधिकारी
तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के मुख्य पदाधिकारी सोमवार को करूर में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के सामने पेश हुए। 27 सितंबर को हुई भगदड़ की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी।

चेन्नई, 24 नवंबर (आईएएनएस)। तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के मुख्य पदाधिकारी सोमवार को करूर में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के सामने पेश हुए। 27 सितंबर को हुई भगदड़ की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी।

पार्टी के जनरल सेक्रेटरी एन. 'बुस्सी' आनंद और जनरल सेक्रेटरी (इलेक्शन कैंपेन मैनेजमेंट) आधव अर्जुन इन्वेस्टिगेटर के समन के जवाब में सीबीआई के कैंप ऑफिस पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि उनके साथ टीवीके करूर वेस्ट डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी के.पी. मथियाझगन और सीनियर अधिकारी एम.सी. पौनराज भी थे।

सीबीआई ने करूर में टीवीके के फाउंडर और एक्टर विजय की एक बड़ी रैली के दौरान हुई दुखद घटना की जांच के तहत उनके बयान दर्ज किए।

रैली में हजारों समर्थक शामिल हुए थे। इस दौरान वेन्यू के एग्जिट पॉइंट के पास एक जानलेवा भगदड़ में खत्म हो गई, जिसमें 41 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक कमेटी कर रही है, जो इस बात पर जोर देती है कि मामले को कितनी गंभीरता से संभाला जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, इन्वेस्टिगेटर इवेंट की ऑर्गनाइजेशनल तैयारियों, भीड़ मैनेजमेंट प्रोटोकॉल, अधिकारियों से मिली परमिशन और उन घटनाओं के क्रम की जांच कर रहे हैं जिनके कारण यह जानलेवा भीड़ हुई। सीबीआई वीडियो फुटेज, सिक्योरिटी इंतजाम और जिला लेवल के ऑर्गनाइजर और पार्टी की सेंट्रल लीडरशिप के बीच बातचीत को भी एनालाइज कर रही है। एजेंसी पार्टी के नेताओं को बैच में बुला रही है ताकि यह साफ हो सके कि हालात कैसे काबू से बाहर हो गए।

टीवीके के टॉप नेताओं की सोमवार को मौजूदगी को पार्टी की कैंपेन मशीनरी के सबसे ऊंचे स्तर पर फैसले लेने की प्रक्रिया को समझने में एक अहम कदम माना जा रहा है।

इससे पहले, 3 नवंबर को, सीबीआई की एक टीम ने इसी जांच के तहत चेन्नई के पनाईयूर में टीवीके हेडक्वार्टर का दौरा किया था।

जॉइंट जनरल सेक्रेटरी सीटीआर निर्मल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि अधिकारियों ने करूर रैली से जुड़े डिटेल्ड रिकॉर्ड मांगे, जिसमें कम्युनिकेशन लॉग, इवेंट-प्लानिंग डॉक्यूमेंट और हादसे के बाद तैयार की गई इंटरनल रिपोर्ट शामिल हैं।

आने वाले सप्ताह में कई स्तर वाली जांच जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें पार्टी के और अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों से पूछताछ हो सकती है। सीबीआई ने कहा है कि जांच पूरी, बिना किसी भेदभाव के और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए मॉनिटरिंग पैनल के निर्देशों के मुताबिक होगी।

2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान बहुत ज्यादा है, ऐसे में करूर भगदड़ मामले के नतीजों का तेजी से बढ़ रहे टीवीके और उसके नेतृत्व पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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Created On :   24 Nov 2025 3:21 PM IST

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