राष्ट्रीय: एनआरआई से होने वाली शादियों में धोखाधड़ी के शिकार होते हैं भारतीय, विधि आयोग ने कानून मंत्रालय के सामने रखी बात
नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच शादियों में हो रही धोखाधड़ी को लेकर विधि आयोग ने सरकार से एक व्यापक कानून बनाने की सिफारिश की है। इसको लेकर जस्टिस (रिटायर) रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाले पैनल ने एक रिपोर्ट पेश करते हुए कानून मंत्रालय से यह सिफारिश की हैै कि यह सभी शादियां अनिवार्य रूप से पंजीकृत होनी चाहिए।
आयोग ने कहा कि एक तरफ एनआरआई और भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों और दूसरी तरफ भारतीय नागरिकों के बीच होने वाले अंतरदेशीय विवाह से उत्पन्न होने वाले कानूनी मुद्दों में तेजी से वृद्धि हुई है।
अपनी रिपोर्ट में पैनल ने कहा, ''एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच शादियों में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। कई रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि करती है, जहां ये शादियां धोखेबाज साबित होती हैं और भारतीय जीवनसाथियों, विशेषकर महिलाओं को अनिश्चित स्थितियों में डालती हैं।"
इसमें कहा गया है कि इन विवाहों की अंतर-देशीय प्रकृति इसकी संवेदनशीलता को और अधिक बढ़ा देती है, जिससे प्रभावित व्यक्तियों के लिए कानूनी उपचार और समर्थन प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
एक व्यापक केंद्रीय कानून की वकालत करते हुए आयोग ने कहा कि प्रस्तावित कानून में एनआरआई और ओसीआई पर समन वारंट या न्यायिक दस्तावेजों की सेवा के लिए पति या पत्नी की हिरासत और बच्चों के रखरखाव के तलाक के प्रावधान शामिल होने चाहिए।
साथ ही पैनल ने सिफारिश की है कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा को अनिवार्य बनाने के लिए पासपोर्ट अधिनियम 1967 में आवश्यक संशोधन किए जाएं, जिसमें एक पति-पत्नी के पासपोर्ट को दूसरे के साथ जोड़ना और दोनों पति-पत्नी के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना शामिल हो।
आयोग ने कहा, ''सरकार को राष्ट्रीय महिला आयोग और भारत में राज्य महिला आयोगों तथा विदेशों में गैर सरकारी संगठनों और भारतीय संघों के सहयोग से उन महिलाओं और उनके परिवारों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए, जो एनआरआई/ओसीआई के साथ वैवाहिक संबंध में प्रवेश करने वाले हैं।''
केंद्र ने फरवरी 2019 में राज्यसभा में नॉन रेजिडेंट भारतीयों के विवाह का पंजीकरण विधेयक 2019 पेश किया और उक्त विधेयक को जांच और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विदेश मामलों की समिति को भेजा गया था।
विदेश मंत्रालय ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से भारत के विधि आयोग से एनआरआई विधेयक, 2019 सहित अंतर-देशीय विवाह से संबंधित कानून का गहन अध्ययन करने का अनुरोध किया है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   17 Feb 2024 10:32 AM IST