पश्चिम बंगाल भाजपा ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, बीएलओ की नियुक्ति का उठाया मुद्दा

कोलकाता, 26 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी, पश्चिम बंगाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा और कहा कि बीएलओ की नियुक्ति चुनाव आयोग के आदेशों के अनुसार नहीं है।
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कई बार चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन न करने वाले बीएलओ की नियुक्ति का मुद्दा उठाया है। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने 18 सितंबर को आपसे मुलाकात की और सरकार के 2,919 स्थायी कर्मचारियों की एक प्रस्तावित बीएलओ लिस्ट प्रस्तुत की, जिसमें उनके संबंधित पार्ट नंबर और संपर्क विवरण भी शामिल थे।
पत्र में कहा गया है कि हमने आपके ध्यान में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के नाम बीएलओ लिस्ट में शामिल होने के उदाहरण भी लाए हैं। साथ ही, कई मामलों में यह भी देखा गया है कि वास्तविक पहचान छिपाने के लिए उनके पदनाम भी गलत लिखे गए हैं।
अब हम संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान में बीएलओ के रूप में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के स्थान पर 1,898 स्थायी कर्मचारियों की एक और लिस्ट प्रस्तुत कर रहे हैं।
भाजपा ने कहा कि हम आपके ध्यान में यह लाने के लिए बाध्य हैं कि कई मामलों में संबंधित बीडीओ प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों को फोन करके उन पर बीएलओ ड्यूटी न करने की अनिच्छा का पत्र लिखने का दबाव डाल रहे हैं। यह उनके वरिष्ठ अधिकारियों के सक्रिय समर्थन से किया जा रहा है। इस तरह की कार्रवाइयां स्थायी कर्मचारियों को बीएलओ के रूप में नियुक्त करने के उद्देश्य को सीधे तौर पर कमजोर करती हैं और एसआईआर की पारदर्शिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी, जिसके लिए चुनाव आयोग पूरे देश में प्रतिबद्ध है।
पत्र में आगे कहा गया है कि अतः हम आपके कार्यालय से अनुरोध करते हैं कि कृपया इस मामले में हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें कि अस्थायी बीएलओ के स्थान पर स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करने का कार्य पूरी तरह से लागू हो। प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों पर बीएलओ ड्यूटी न करने के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का अनुचित दबाव या प्रभाव न डाला जाए। सभी बीडीओ और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दें कि वे बीएलओ ड्यूटी के लिए प्रस्तावित स्थायी कर्मचारियों को हतोत्साहित या बाधित न करें।
हमें यह भी बताया गया है कि कई जिलों में चुनाव आयोग के अनुसार उनकी अयोग्यता की ओर इशारा करने के बावजूद बीएलओ को प्रशिक्षण दिया गया है। हमें उम्मीद है कि इस तथ्य का इस्तेमाल बाद में ऐसे अयोग्य बीएलओ को बनाए रखने के बहाने के रूप में नहीं किया जाएगा। मतदाता सूची प्रबंधन प्रक्रिया की पवित्रता की रक्षा के लिए हम इस मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप और आवश्यक कार्रवाई की आशा करते हैं।
Created On :   26 Sept 2025 8:19 PM IST