जम्मू कश्मीर दौरा: 'BSF ने बर्बाद कीं 118 से ज्यादा चौकियां, पाकिस्तान को उबरने में लगेंगे कई साल', पुंछ में अमित शाह का आया बयान

BSF ने बर्बाद कीं 118 से ज्यादा चौकियां, पाकिस्तान को उबरने में लगेंगे कई साल, पुंछ में अमित शाह का आया बयान
  • जम्मू कश्मीर दौरे पर अमित शाह
  • बीएसएफ की जमकर की सराहना
  • ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की चर्चा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू कश्मीर के पुंछ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तन के हमलों का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सराहना की। उन्होंने कहा कि जम्मू सीमा पर जवाबी कार्रवाई में 118 से अधिक दुश्मन चौकियां तबाह और क्षतिग्रस्त हो गई।

जम्मू कश्मीर के पुंछ पहुंचे अमित शाह

बता दें, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू कश्मीर में अमित शाह का यह पहला दौरा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने दुश्मन के निगरानी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है, जो एक बड़ा झटका है और इसकी भरपाई करने में उन्हें वर्षों लग जाएंगे।

इस दौरान अमित शाह ने सुरक्षा स्थिति, अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने और पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से बातचीत करने के लिए अपने दौरे के समापन पर बीएसएफ जवानों की सराहना की। उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं और नागरिक क्षेत्रों पर हमला करके हमारे आतंकवाद विरोधी अभियानों का जवाब दिया तो यह बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के जवान थे जिन्होंने 118 से अधिक चौकियों को तबाह और क्षतिग्रस्त करके जवाबी कार्रवाई की।"

अमित शाह ने की बीएएफ की सराहना

अमित शाह ने आगे कहा कि बीएसएफ ने दुश्मन की पूरी निगरानी प्रणाली को टुकड़े-टुकड़े करके नष्ट कर दिया, एक ऐसी प्रणाली जिसे दोबारा बनाने में उन्हें चार से पांच साल लगेंगे। उन्होंने कहा, "इससे यह सिद्ध होता है कि शांति काल में भी आपने सतर्क दृष्टि रखी। आपकी सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सटीक जवाबी रणनीति पहले से ही तैयार कर ली गई थी। जब अवसर आया तो आपने उसे सफलतापूर्वक लागू किया।"

इस दौरान शाह ने इस बात पर भी बल देते हुए कहा कि बीएसएफ भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य कर रही है और रेगिस्तान, पहाड़ों, जंगलों और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में अटूट समर्पण के साथ मुस्तैद है। अमित शाह ने कहा, "जब भी भारत की सीमाओं पर किसी भी तरह का हमला होता है। संगठित या असंगठित, गुप्त या प्रत्यक्ष सबसे पहले इसका खामियाजा हमारे बीएसएफ जवानों को भुगतना पड़ता है, लेकिन वे यह सोचने के लिये कभी रुकते नहीं कि सीमा कहां है।"

खराब मौसम के बावजूद पुंछ की अपनी यात्रा के बारे में शाह ने कहा कि वह जवानों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए दृढ़ संकल्पित थे। उन्होंने कहा, "मैं पुंछ में गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों और नागरिक आबादी को हुए नुकसान का दौरा करने और उसका दुख साझा करने आया हूं।" उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया कि मौसम ठीक नहीं है। फिर भी मैंने तय किया कि मैं सड़क मार्ग से जाऊंगा और सीमा पर तैनात जवानों से मिलकर ही लौटूंगा। भगवान की कृपा रही कि मौसम साफ हो गया और मुझे आपसे मिलने का मौका मिला।"

Created On :   30 May 2025 9:51 PM IST

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