1986 विश्व कप क्वार्टर फाइनल : माराडोना बने अमर

1986 World Cup quarter-finals: Maradona becomes immortal
1986 विश्व कप क्वार्टर फाइनल : माराडोना बने अमर
1986 विश्व कप क्वार्टर फाइनल : माराडोना बने अमर
हाईलाइट
  • 1986 विश्व कप क्वार्टर फाइनल : माराडोना बने अमर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मैंने इंग्लैंड के खिलाफ एक और गोल करने का सपना देखा, इस बार दाहिने हाथ से। यह शब्द थे डिएगो माराडोना के और इसके बाद वह खुलकर हंसे थे। यह उनका आखिरी इंटरव्यू था जो उन्होंने फ्रांस के साप्ताहिक फ्रेंच फुटबाल को दिया था। तब तक हालांकि माराडोना इस बात को कई बार मान चुके थे कि उन्होंने 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अर्जेटीना के चिर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ अपने हाथ से गोल किया था। मैच के बाद वह गोल में अपने हाथ के योगदान को मान नहीं रहे थे। उन्होंने उस समय कहा था कि, मैंने अपने सिर के थोड़े से हिस्से और थोड़े से हैंड ऑफ गॉड से यह गोल किया।

उस मैच में माराडोना ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसने उन्हें अपने देश में अमर बना दिया था और फुटबाल के इतिहास में भी। यह शायद सबसे अच्छे से उनके करियर और जीवन को बयां करता है। पहला गोल उन्होंने अकेले और अपनी जादुई काबिलियत से किया था जहां मैच अधिकारी गलती नहीं पकड़ पाए थे। तो दूसरा एक ऐसे जीनियस का काम था जिसके बारे में सिर्फ सपने में ही सोचा जा सकता है। हैंड ऑफ गॉड गोल के चार मिनट बाद माराडोना ने मिडफील्ड से 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड के छह खिलाड़ियों को छकाया था और फिर गोलकीपर पीटर शिल्टन को मात देते हुए गोल किया था। इस गोल को बाद में गोल ऑफ द सेंचुरी कहा गया था। उन्होंने 10 सेकेंड में यह गोल किया था और खिलाड़ी हैरान रह गए थे।

मैच के बाद माराडोना ने कहा था, मैंने पहले जॉर्ज वाल्डानो को गेंद देने का प्रयास किया लेकिन जब मुझे जगह मिली उन्होंने मुझे घेर लिया और मेरे पास जगह नहीं थी। इसलिए मुझे आगे बढ़ना पड़ा और खुद ही इसे अंजाम देना पड़ा। माराडोना ने बाद में इसके लिए इंग्लैंड टीम की खेल भावना की तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा था, मुझे नहीं लगता कि मैं किसी और टीम के खिलाफ यह कर सकता था क्योंकि बाकी टीमें मुझे गिरा देतीं, लेकिन इंग्लैंड विश्व की सबसे अच्छी टीम है।

Created On :   26 Nov 2020 2:00 PM IST

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