Jharkhand Politics: झारखंड के उपचुनाव में हाई वोल्टेज राजनीतिक संग्राम, मैदान में एक ही समुदाय के दो उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने है। दोनों पार्टियों ने सामाजिक समीकरण साधने के लिए अपने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। जिससे यह मुकाबला अब प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है। आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जिस पर चुनाव 'सोरेन बनाम सोरेन' हो चुका है।
JMM ने रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन को मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के बागी नेता चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन पर भरोसा जताया है। दोनों ही उम्मीदवार संथाल समाज से आते हैं। जिससे यह मुकाबला सामाजिक समीकरणों के लिहाज से कांटे की टक्कर के रूप में देखा जा रहा है।
हिंदू वोट बैंक किस ओर जाएगा
घाटशिला विधानसभा सीट पर 2,55,832 मतदाता हैं। जिसमें से लगभग 45% आदिवासी, 6% अल्पसंख्यक हैं। और शेष जातियां ओबीसी व सामान्य वर्ग के मतदाता यहां अहम रोल अदा करते हैं। यहां पर गैर-आदिवासी और गैर-मुस्लिम वोटर परंपरागत रूप से जीत और हार में निर्णायक भूमिका में रहते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रदीप बालमुचु को सपोर्ट करने वाले वोटर भी इस बार के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।
पिछली बार यहां से कौन जीता
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में दिवंगत रामदास सोरेन को बड़ी जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को 22,446 वोटों से हराया था। लेकिन इस बार पहले के मुकाबले परिस्थितियां बदली हुई हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झामुमों के प्रति इस बार नाराजगी है। जिससे उनका हिंदू वोट इस बार भाजपा की ओर झुकता दिखाई दे रहा है। भाजपा ने प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है। वहीं झामुमो की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और इंडिया गठबंधन के मंत्री प्रचार की कमान सभालेंगे।
'सोरेन बनाम सोरेन' का चुनाव
यह मुकाबला सिर्फ दो दलों के बीच नहीं हो रहा है। इस बार के उपचुनाव में हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन के आमने सामने आने से दोनों की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। एक ओर झामुमो के पुराने चेहरे चंपई सोरेन हैं। जो इस समय भाजपा में शामिल हो गए हैं। तो वहीं दूसरी ओर झामुमो की विरासत संभाल रहे सोमेश सोरेन मैदान में हैं। इसलिए घाटशिला विधानसभा सीट पर होने वाला यह उपचुनाव साधारण नहीं है। वैसे देखें तो सिर्फ एक सीट पर चुनाव होना है। लेकिन 'सोरेन बनाम सोरेन' के सम्मान का चुनाव होने वाला है।
घाटशिला सीट बना सत्ता का रणक्षेत्र
झारखंड राज्य में हेमंत सोरेन सरकार अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहा है। ऐसे में यह चुनाव होने से सरकार के काम काज और लोकप्रियता का भी निर्णय हो जाएगा। कि जनता सरकार को पसंद करती है या नहीं। घाटशिला सीट पर इस बार सिर्फ वोटों की लड़ाई नहीं होने जा रही, बल्कि झारखंड की सत्ता तय करने का रणक्षेत्र बनने जा रहा है।
Created On :   17 Oct 2025 12:27 AM IST