- Home
- /
- सहकारी घोटाले में 10 संविदा...
सहकारी घोटाले में 10 संविदा कर्मचारी बर्खास्त, तीन को शोकॉज

डिजिटल डेस्क छतरपुर। छतरपुर के हाईप्रोफाइल सहकारी बैंक की बड़ामलहरा शाखा की सेवा सहकारी समितियों द्वारा किए गए घोटाले के मामले में संविदा कर्मचारी कमलेश सक्सेना, पीयूष सक्सेना, वीरेन्द्र सिंह, रोहित सिंह, सीमा सक्सेना, नीतू, डंडा गार्ड, अर्जुन पाल, विजय रैकवार, धर्मेन्द्र जाटव एवं राजेश वर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। इसी मामले में मुख्यालय की कैश काउंटर की शाखा प्रबंधक प्रभा वैद्य, बस स्टैंड शाखा के प्रबंधक बद्री त्रिपाठी तथा मुख्यालय में पदस्थ देवेन्द्र सोलंकी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया गया है। आरोप है कि संविदा कर्मचारियों के खाते में बड़ामलहरा शाखा से रकम डालकर गोलमाल किया गया है।
नहीं हुई ठोस कार्रवाई
इस पूरे मामले में अब तक तत्कालीन महाप्रबंधक वाईके सिंह, लेखाधिकारी रामविशाल पटैरिया, सेंधपा समिति के जाहर सिंह, डिकौली के हरिओम अग्रिहोत्री पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। बड़ामलहरा और घुबरा बैंक में करोड़ों के घोटाले में सेंधपा समिति प्रबंधक जाहर सिंह, वीरो समिति भानुप्रताप अवस्थी और डिकौली के हरिओम पर किसानों की रकम गोलमाल के आरोप घिरने के बाद भोपाल की टीम ने एफआईआर के लिए जांच प्रतिवेदन बड़ामलहरा पुलिस को सौंप दिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा बड़ामलहरा के सेंधपा सहकारी समिति में किसानों से ऋण वसूली की गई, लेकिन बैंक की शाखा में रुपए नहीं जमा किए। जांच में यह बात सामने आई है कि 207 किसानों से एक करोड़ 58 लाख की शासकीय राशि का गबन किया गया है।
6 करोड़ रुपये का किसानों की लिमिट से ज्यादा फाइनेंश
छतरपुर सहकारिता बैंक के 10 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए तीन शाखा प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित छतरपुर के महाप्रबंधक ने जानकारी देते हुए बताया कि बड़ामलहरा अंतर्गत सेंधपा, वीरों सोसायटियो में करीब 6 करोड़ रुपये का किसानो की लिमिट से ज्यादा फाइनेंश और लिमिट सम्बंधित घोटाला जून 2017 में हुआ था जो की जाँच के दौरान दिसंबर 2017 में उजागर हुआ जिस बैंक ने जनवरी 2018 में समिति प्रबंधक जाहिर सिंह (सेंधपा), भानु प्रताप अवस्थी (वीरों) और बड़ामलहरा शाखा प्रबंधक स्वामी प्रसाद पांडेय पर एफआईआर दर्ज कराई थी। और उसी मामले में दस कर्मचारी समेत तीन शाखा प्रबंधक की संदिग्धता को देखते हुए उन पर कार्यवाही की है। और घोटाले की 6 करोड़ राशि में से करीब ढाई करोड़ रुपये वापिस खाते में डाले जा चुके हैं। इस पूरे मामले में 6 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। जिसमें से तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये वापिस खाते में डाले जा चुके हैं।
Created On :   6 March 2018 7:49 PM IST