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मेडिकल में 1000 मरीजों को मिला क्लेम, 500 की प्रक्रिया जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दो बड़े सरकारी अस्पतालों में डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है। इनमें से एक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में सबसे अधिक संक्रमितों का इलाज किया गया है। मेडिकल में करीब 8 हजार से ज्यादा संक्रमितों का इलाज किया है। इनमें से करीब 1000 लोगाें के क्लैम की प्रक्रिया पूरी हुई है। साथ ही 500 की प्रक्रिया जारी है।
इलाज के बाद क्लेम ले सकते हैं
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए राज्य प्रशासन ने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कोरोना मरीजों के लिए इंश्योरेंस दिया गया है। इसमें अस्पतालों में इलाज के बाद मरीजों की फाइल को योजना में रजिस्टर कर अस्पताल क्लेम ले सकते हैं, लेकिन इस योजना के तहत क्लेम नहीं किया गया था। कुछ समय क्लेम की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें 1000 लोगों की प्रक्रिया पूरी हो गई है। साथ ही 500 मरीजों के क्लेम की प्रक्रिया जारी है।
80% क्लेम 20 हजार के पैकेज में
महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में पहले कोरोना के इलाज के लिए कैटगरी नहीं थी। इसमें यह कैटेगरी जोड़ी गई। जिसके बाद योजना के तहत कोविड मरीजों के इलाज के लिए तीन कैटेगरी बनाई गई है। जिसमें 20 हजार, 50 हजार और 80 हजार का पैकेज है। 1000 मरीजों के क्लेम में करीब 80% मरीजों का क्लेम 20 हजार के पैकेज में और 20% मरीजों का क्लेम 50 हजार के पैकेज में हुअा है। जो मरीज महाराष्ट्र के बाहर के हैं, उनके इलाज के लिए राजीव गांधी जन अारोग्य योजना के तहत क्लेम की प्रक्रिया करने की कोशिश की गई।
हमारे यहां इलाज का क्लेम मिल गया
हमारे यहां करीब 1000 मरीजों के इलाज का क्लेम मिल गया है। 500 मरीजों के क्लेम की प्रक्रिया जारी है। इसमें तीन पैकेज बनाए गए हैं, जिसमें 20 हजार, 50 हजार और 80 हजार का पैकेज हैं। 80 प्रतिशत फाइल में 20 हजार और 20 प्रतिशत में 50 हजार के पैकेज में क्लेम मिला है।
डॉ. सजल मित्रा, डीन, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।