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जनसहयोग से नागपुर जिले में बनेंगे 1000 वनराई बांध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जंगल बड़े पैमाने पर खत्म किए जाने से भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। बरसात का पानी नदी, नालों से बह जाता है। गर्मी के मौसम में इंसान और जंगली जानवरों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से राहत दिलाने के लिए पानी रोकने और सोखने की दिशा में कृषि विभाग ने पहल की है। जनसहयोग से वनराई बांध बनाने का उपक्रम 4-5 साल से चलाया जा रहा है। बांध के आसपास का भूजल स्तर बढ़ने के साथ ही बांध में जमा हजारों हेक्टेयर रबी फसल की सिंचाई और जंगली जानवरों को पीने के लिए उपयोग में आ रहा है। वनराई बांध उपक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आने पर इस वर्ष जिले में 1000 बांध बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 100 से अधिक बांध बनाए जाने की जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी मिलिंद शेंडे ने जानकारी दी।
जमीन में नमी बनाए रखने में कारगर
वातावरण में बदलाव का बरसात के मौसम पर परिणाम हुआ है। कभी अतिवृष्टि होती है, तो कभी सूखा अकाल पड़ता है। जिले की अनेक तहसीलों में औसतन बरसात नहीं होती। इस वर्ष बरसात ठीक-ठाक होने से जलस्तर में सुधार देखा जा रहा है। यह स्थिति आगे भी रहेगी, कहा नहीं जा सकता। जमीन में नमी बनाए रखने के लिए वनराई बांध कारगार साबित हो रहे हैं। वनराई बांध का पानी सिंचाई के लिए उपयोग में लाकर रबी का बुआई क्षेत्र बढ़ाने वनराई बांध बढ़ाने का कृषि विभाग ने संकल्प लिया है। खेती की सिंचाई तथा जंगली जानवरों को पीने के लिए पानी उपलब्ध कराने जनसहयोग से वनराई बांध बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मिट्टी, बालू से बनाया जाता है वनराई बांध : बरसात के बाद नदी, नाले से बह जाने वाले पानी को पारंपरिक पद्धति से रोकने के लिए बनाए जाने वाले बांध को वनराई बांध कहा जाता है। सीमेंट की खाली बोरियों में मिट्टी, बालू भरकर वनराई बांध बनाया जाता है। बांध से पानी नदी, नाले के पात्र में जमा हो जाता है। जंगली जानवर पीने के लिए तथा आसपास की खेती में रबी फसल को सिंचाई के लिए वह पानी उपयोग में आता है। जमीन में पानी सोखने से भूजल स्तर बढ़ने में भी मदद मिलती है।
Created On :   9 Nov 2022 3:49 PM IST