रेलवे के 11 आइसोलेशन बनकर तैयार, शीघ्र हो सकेगा इस्तेमाल

11 isolations of railways ready, will be used soon
रेलवे के 11 आइसोलेशन बनकर तैयार, शीघ्र हो सकेगा इस्तेमाल
रेलवे के 11 आइसोलेशन बनकर तैयार, शीघ्र हो सकेगा इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे विभाग ने दावा किया था कि रेलवे के 11 आइसोलेशन कोच मरीजों के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन इनमें अनेक प्रकार की खामियां होने की बात उजागर हुई है। इन खामियों को दूर करने के लिए रेलवे ने दो दिन का समय मांगा है। अब दो दिन बाद ही कोच का इस्तेमाल हो सकेगा। जानकारी के अनुसार कोरोना के गंभीर मरीजों को रेलवे के आइसोलेशन कोच में नहीं रखा जाएगा। उनका इलाज अस्पतालों में ही होगा। जिन लोगों के पास होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है, ऐसे मरीजों को ही रेलवे द्वारा तैयार आइसोलेशन कोच में रखा जाएगा।

मनपा उपलब्ध कराएंगी सुविधाएं
इन कोच में स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति, मरीजों के लिए दवा, अल्पाहार, भोजन आदि की व्यवस्था की जिम्मेदारी मनपा की होगी। 176 बेड वाले इन 11 कोच में 1 केबिन में 6 बेड हंै। सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए केबिन में केवल 2 बेड पर ही मरीजों को रखा जाएगा। प्रत्येक कोच में नर्स, वार्ड ब्वाॅय मौजूद रहेंगे। इसके अलावा डॉक्टरों के लिए विशेष केबिन रहेंगे। इस केबिन से डॉक्टर हर कोच में आ-जा सकेंगे। इन कोच में मरीजों की संख्या बढ़ने पर डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। 

युद्घ स्तर पर तैयार कर रहे कोच
लॉकडाउन के बावजूद रेलवे विभाग आइसोलेशन कोच को युद्ध स्तर पर सुविधाओं से सज्ज करने में जुटा हुआ है। मनपा के साथ अनुबंध के तहत आइसोलेशन कोच उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महापौर द्वारा इन कोच में कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराने के सुझाव दिए गए हैं। आगामी दो दिन में यह कोच कोरोना मरीजों की सेवा में उपलब्ध रहेंगे। - शिवाजी सुतार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, मध्य रेलवे

ट्रेन की छत पर लगेंगे स्प्रिंकलर
महापौर दयाशंकर तिवारी ने बताया कि रेलवे कोच में कई खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। नागपुर की गर्मी झेलने लायक व्यवस्था आइसोलेशन कोच में नहीं है। हर कोच में कूलर लगाए गए हैं, लेकिन भीषण गर्मी में नाकारा साबित होंगे। कोच के तापमान को नियंत्रित करने के लिए ट्रेन की छत पर स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे। स्प्रिंकलर से पानी की बौछार कोच की छत पर पड़ेगी। छत को बोरियों से ढंका जाएगा। लगातार पानी पड़ने पर कोच की छत अधिक गर्म नहीं होगी। कोच के प्रवेश द्वार की ओर शेड तैयार किया गया है। मनपा द्वारा दोनों ओर शेड बनाने के लिए कहा गया है। कोच अजनी के कंटेनर डिपो परिसर में है। परिसर खुला है। मच्छरों से बचाव की व्यवस्था नहीं है। इसलिए कोच की खिड़कियों में मॉस्किटो नेट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे ने हर कोच में 2 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए हैं। यह सिलेंडर रिक्त होने पर ऑक्सीजन की व्यवस्था मनपा को करनी पड़ेगी।

Created On :   30 April 2021 3:54 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story