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कचरे से डेली बनेगी 11.50 मेगावाट बिजली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में जमा होने वाले कचरे से बिजली बनाने की योजना शीघ्र शुरू होगी । बता दें संतरानगरी से प्रतिदिन 1200 मीट्रिक टन कचरा भांडेवाड़ी में जमा होता है। शहर से जमा होने वाले इस कचरे में से 800 मीट्रिक टन कचरे से बिजली बनाने के लिए एस्सेल समूह अपना प्लांट लगाने वाला है। भूमिपूजन की तैयारी इसी माह अप्रैल के अंत में करने की तैयारियां चल रही हैं।
भारी मात्रा में जमा हो रहा कचरा
शहर से जमा होने वाले करीब 1200 मीट्रिक टन कचरे में से वर्तमान में सिर्फ 200 मीट्रिक टन कचरे को प्रक्रिया कर खाद्य बनाया जाता है। इससे शेष कचरा भांडेवाड़ी में सालों से जमा हो रहा है। भारी मात्रा में जमा कचरे ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है तो दूसरी ओर वहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
महावितरण को बिजली बेचेंगे
कचरे से बिजली बनाने के लिए मनपा ने एस्सेल समूह को प्रकल्प लगाने 10 एकड़ जगह भांडेवाड़ी में दी है। प्रतिदिन 800 मीट्रिक टन कचरा बिजली बनाने के लिए दिया जाएगा। कचरा छांटने के बाद अनुमानित 600 मीट्रिक टन कचरे से बिजली बनाई जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि इससे 11.50 मेगावाट बिजली तैयार होगी, जिसे महावितरण को बेचा जाएगा।
हंजर को नोटिस
भांडेवाड़ी में 200 मीट्रिक टन कचरे की प्रक्रिया कर खाद्य व आरडीएफ (जलाने में मददगार) बनाने वाली हंजर कंपनी को हाल ही में नोटिस दिया गया है। कंपनी के साथ 2021 तक के लिए अनुबंध है, लेकिन इसी बीच कार्य के प्रति उदासीनता को देखकर उसे नोटिस जारी किया गया है।
15 साल बाद मनपा को हस्तांतरित किया जाएगा
एमएसईबी और एस्सेल के बीच में पॉवर पर्चेज एग्रीमेंट होने के साथ ही प्रति यूनिट की कीमत 7 रुपए तय किया गया है। कंपनी मनपा को सवा दो सौ रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से टिपिंग चार्ज का भुगतान करेगी। इससे एक ओर मनपा को स्वच्छ भारत अभियान में मदद मिलेगी तो दूसरी ओर कचरा आय का जरिया भी बनेगा। यह प्रकल्प 15 साल बाद कंपनी द्वारा मनपा को हस्तांतरित किया जाएगा।
Created On :   12 April 2018 11:11 AM IST