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6 साल में 11839 शिशुओं को मिली मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रसूति होने के बाद शिशु को कई तरह की समस्याएं होती हैं। ऐसे में अत्याधुनिक उपचार पद्धति से शिशुओं का उपचार किया जाता है। लेकिन इस तरह का इलाज महंगा होता है। मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार खर्च वहन नहीं कर सकते। इसको देखते हुए प्रशासन की ओर से "जननी-शिशु सुरक्षा योजना" चलाई जा रही है। इस कार्यक्रम में सभी माताओं को प्रसव के लिए, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ 1 वर्ष तक के बीमार बच्चों का सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क इलाज किया जाता है। जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग की योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले छह वर्ष में 75,493 गर्भवती/स्तनपान कराने वाली माताओं और 11,839 बीमार बच्चों (1 वर्ष तक) को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दी गई है। कोरोना के चलते पिछले 6 वर्ष की तुलना में 2020-21 में सबसे कम गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाओं को योजना का लाभ मिला।
योजना शुरू करने का उद्देश्य : जिले में अक्टूबर 2011 से जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम लागू किया गया। प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं के लिए दवाएं बाहर से मंगानी पड़ती हैं। साथ ही संबंधित महिला के परिवार को वाहन की व्यवस्था करनी होती है। पैसे की कमी के साथ-साथ देरी से गर्भवती महिला या शिशु की मृत्यु हो सकती है। इसे रोकने के लिए "जननी-शिशु सुरक्षा योजना’ तैयार की गई। इस कार्यक्रम के तहत साधारण प्रसव के बाद तीन दिन तक मुफ्त भोजन दिया जाता है। सिजेरियन सेक्शन के मामले में आहार सात दिन के लिए दिया जाता है। डिलिवरी की अवधि के दौरान आवश्यक दवाएं और अन्य आपूर्ति भी मुफ्त प्रदान की जाती है। इसके अलावा, यदि प्रसव अवधि के दौरान रक्त की आवश्यकता होती है, तो मुफ्त रक्त प्रदान किया जाता है। गर्भावस्था और प्रसव के 42 दिन बाद तक महिलाओं को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है।
Created On :   15 Feb 2021 3:44 PM IST