11वीं एडमिशन : केंद्रीय प्रवेश समिति के जरिए न हो, शिक्षा मंत्री को भेजा पत्र

11th Admission: Letter sent to Education Minister, not through Central Admission Committee
11वीं एडमिशन : केंद्रीय प्रवेश समिति के जरिए न हो, शिक्षा मंत्री को भेजा पत्र
11वीं एडमिशन : केंद्रीय प्रवेश समिति के जरिए न हो, शिक्षा मंत्री को भेजा पत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में शिक्षा उपसंचालक कार्यालय के अधीन आने वाली केंद्रीय प्रवेश समिति के जरिए इस वर्ष 11वीं कक्षा की प्रवेश प्रक्रिया नहीं कराने की मांग महाराष्ट्र राज्य शिक्षा संस्था महामंडल ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को लिखे पत्र मेें की है। संगठन के कार्यवाह रवींद्र फडणवीस के अनुसार केंद्रीय प्रवेश समिति के कामकाज में अनेक विसंगतियां हैं और उनकी आर्थिक पारदर्शिता भी सवालों के घेरे में है। संगठन के अनुसार हर साल जब केंद्रीय प्रवेश समिति 11वीं में ऑनलाइन एडमिशन कराती है, तो इसमें तीन से चार माह का समय व्यर्थ चला जाता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में महज 20 दिनों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाती है। ऐसे में अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों के जूनियर कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं। नतीजतन शहर के कॉलेजों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं। पिछले वर्ष नागपुर शहर में 20 हजार सीटें खाली रह गई थीं जबकि औरंगाबाद में 8 हजार सीटें खाली थी। ग्रामीण क्षेत्र के जूनियर कॉलेज में प्रवेश लेकर विद्यार्थी कोचिंग लगा लेते हैं। 

कॉलेज में कोई पढ़ाई नहीं होती। यहीं से कॉलेज-कोचिंग की साठगांठ चलती है। यदि विद्यार्थियों की संख्या सीटों से ज्यादा हो तो केंद्रीय प्रवेश ठीक है, वरना यह प्रक्रिया ही व्यर्थ है। संगठन ने समिति के कामकाज पर भी आपत्ति जताई है। पिछले वर्ष आरक्षण प्रक्रिया की गड़बड़ी, 4 महीने तक कॉलेजों का स्टाफ व्यस्त रखने से लेकर 20 रुपए के प्रॉस्पेक्टस के 150 से 250 रुपए तक वसूलने के आरोप भी लगाए गए हैं। संगठन के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया के लाखों रुपए शिक्षा उपसंचालक कार्यालय के पास जमा है जिसका हिसाब नहीं लिया गया है जबकि जरूरत न होते हुए भी कई नई उच्च माध्यमिक कक्षाओं को अनुमति दी जा रही है। इसलिए केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया को रद्द किया जाए।

Created On :   10 Jun 2020 11:04 AM GMT

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