11 वीं एडमिशन में केंद्रीय प्रवेश परीक्षा की जगह ऑफलाइन पर विचार  

11th: Consideration of offline instead of central entrance examination
11 वीं एडमिशन में केंद्रीय प्रवेश परीक्षा की जगह ऑफलाइन पर विचार  
11 वीं एडमिशन में केंद्रीय प्रवेश परीक्षा की जगह ऑफलाइन पर विचार  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने अपने हालिया निर्णय में स्पष्ट किया है कि 10वीं के नतीजे आते ही 11वीं के प्रवेश शुरू हो जाएंगे। राज्य शिक्षा मंडल के अनुसार जुलाई माह तक नतीजे जारी हो जाएंगे। हर साल नागपुर व अन्य बड़े शहरों में केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के जरिए होने वाली इस प्रक्रिया को इस साल ऑफलाइन पद्धति से पूरी करने पर विचार चल रहा है। अमूमन जुलाई में शुरू होने वाली केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया में कम से कम 4 माह का समय लगता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ऑफलाइन प्रवेश के लिए एक माह से भी कम समय लगता है। संस्था संचालक भी इस बार ऑफलाइन प्रवेश के ही पक्ष में हैं। महाराष्ट्र राज्य शिक्षा संस्था महामंडल ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को पत्र लिख कर यह मांग उठाई थी। शहर में 58320 सीटें हैं।

यह मुद्दा उठाया 
संगठन के अनुसार हर साल जब केंद्रीय प्रवेश समिति 11वीं में ऑनलाइन एडमिशन कराती है, तो इसमें 3-4 माह का समय चला जाता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में महज 20 दिन में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाती है। ऐसे में अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों के जूनियर कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं। इससे शहर के कॉलेजों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं। पिछले वर्ष नागपुर शहर में 21,282 और औरंगाबाद में 8000 सीटें खाली रह गई थीं। केंद्रीय प्रवेश समिति से नागपुर में कुल 30 हजार 9 प्रवेश हुए, इसमें आरक्षित सीटों पर 7 हजार 529 प्रवेश हुए और 21 हजार 282 सीटें खाली रहीं। ग्रामीण क्षेत्र के जूनियर कॉलेज में प्रवेश लेकर विद्यार्थी कोचिंग लगा लेते हैं। कॉलेज में कोई पढ़ाई नहीं होती। यहीं से कॉलेज-कोचिंग साठगांठ चलती है। जानकारों के अनुसार यदि विद्यार्थियों की संख्या सीटों से ज्यादा हो, तो केंद्रीय प्रवेश का कोई मतलब बनता है, वरना यह प्रक्रिया ही व्यर्थ है।

Created On :   19 Jun 2020 8:35 AM GMT

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