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VNIT में प्रोफेसरों की नियुक्ति मेंं लेटलतीफी, 13 महीने से 127 पद पड़े हैं खाली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वीएनआईटी में 127 पद कई महीनों से खाली पड़े हैं लेकिन प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए केन्द्र से प्रतिनिधि देने में 12 महीने लग गए हैं। इस बीच नियमों में संशोधन होने से उस पर अमल करने में 6 महीने लग गए। सारी प्रक्रिया में जारी लेटलतीफी से देश के प्रतिष्ठित कालेज विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के प्रति केंद्र का मानव संंसाधन मंत्रालय कितना गंभीर है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
ये है मौजूदा स्थिति
वीएनआईटी में प्रोफेसर, सहयोगी प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर के कुल 335 पद हैं, जिसमें से 127 पद खाली पड़े हैं। यहां प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए विजिटर नामिनी (केंद्र का प्रतिनिधि) जरूरी होता है। विजिटर नॉमिनी उस कमेटी में होता है, जो प्रोफेसरों का चयन व नियुक्ति करती है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने मई 2016 से जून 2017 तक लगभग 13 महीने तो प्रतिनिधि ही नहीं दिया। जब प्रतिनिधि मिला तो नियमों में संशोधन हो गया और फिर उस पर अमल करने में करीब 6 महीने लग गए। इस कारण वीएनआईटी डेढ़ साल तक टीचिंग स्टाफ में पद भर्ती नहीं कर सका। वीएनआईटी ने अब जाकर इस महीने 26 प्रोफेसरों व सहयोगी प्रोफेसरों की नियुक्ति की।
नियुक्ति मिलते ही उड़ जाते हैं प्रोफेसर
वीएनआईटी में प्रोफेसरों, सहयोगी प्रोफेसरों व सहायक प्रोफेसरों की चयन प्रक्रिया बेहद कड़ी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षा मानकों के अनुसार, यहां चयन प्रक्रिया पूरी की जाती है। कई दौर के साक्षात्कार के बाद यहां नियुक्ति होती है और फिर अच्छी सुविधा व पैकेज के चलते प्रोफेसर यहां से दूसरे आईआईटी व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में चले जाते है। इस कारण भी यहां प्रोफेसरों की कमी है।
एक सेमेस्टर रहना कर दिया जरूरी
नियुक्ति के कुछ महीने बाद ही प्रोफेसरों के जाने के सिलसिले पर ब्रेक लगाने के लिए वीएनआईटी ने कुछ कड़े प्रावधान किए हैं। जैसे नौकरी छोड़ने के एक महीने पूर्व सूचना देनी होगी। बीच सेमेस्टर में नौकरी नहीं छोड़ी जा सकेगी। कम से कम एक सेमेस्टर पूरा करना जरूरी कर दिया गया है। आनेवाले दिनों में इसके अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद वीएनआईटी को है।
500 विद्यार्थी कर रहे पीएचडी
वर्तमान में यहां 3500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसमें से 500 विद्यार्थी फुलटाइम पीएचडी कर रहे हैं। अलग-अलग विषयों व फैकल्टी में पीएचडी कर रहे, इन विद्यार्थियों को 30 से 40 हजार तक प्रति माह स्टायफंड मिलता है। नए नियमों के मुताबिक फुलटाइम पीएचडी करनेवालों को संस्थान में टीचिंग करना जरूरी है। वीएनआईटी टीचिंग में इनकी सेवाएं ले रही है।
एचआरडी गंभीरता दिखाए
एक साल से ज्यादा समय तक प्रतिनिधि नहीं देने से भर्ती प्रक्रिया में विलंब हुआ आैर इसी का नतीजा है कि यहां बड़ी संख्या में पद खाली हैं। सरकारी लापरवाही विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकती है।
-संजय थुल, आरटीआई एक्टिविस्ट
26 प्रोफेसरों की नियुक्ति
इसी महीने 26 प्रोफेसर, सहयोगी प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति कर दी गई है। एक साल तक विजिटर नामिनी नहीं मिलने से भर्ती प्रक्रिया थोड़ी धीमी जरूर हुई, लेकिन इसका असर संस्थान या विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नहीं होने दिया। ठेका पद्धति पर प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई थी। फुलटाइम पीएचडी करनेवाले 500 विद्यार्थियों से भी टीचिंग कराई जा रही है। स्थायी प्रोफेसर नहीं होने से पद रिक्त दिखाई दे रहे है, लेकिन ठेका पद्धति पर प्रोफेसरों की नियुक्ति कर इस कमी को दूर कर दिया गया है। 4 भर्ती प्रक्रिया में 70 पदों को भरा गया है। टीचिंग स्टाफ में अब मुश्किल से 60 पद खाली होंगे। विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए नए प्रोफेसरों को नौकरी छोड़ने के पूर्व एक महीने की सूचना देने व एक सेमिस्टर पूरा करने का नियम लगाया गया है। इंटरनेशनल स्तर के मानकों के अनुसार साक्षात्कार होने से भर्ती प्रक्रिया थोड़ी लंबी चलती है। जून 2018 के बाद पुन: भर्ती प्रक्रिया ली जाएगी।
-नरेंद्र चौधरी, निदेशक वीएनआईटी नागपुर
Created On :   20 March 2018 3:48 PM IST