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1290 लाइसेंस आरटीओ में वापस आए, कुछ के पते गलत कुछ फेक आईडी का संदेह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीओ में लाइसेंस बनने के बाद नियमानुसार एक माह में वह घर के पते पर डाक के माध्यम से आता है। इसके पीछे उद्देश्य होता है कि लाइसेंस धारक के पते की पुष्टि हो सके। साथ ही लाइसेंस संबंधी सरकारी रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहे, लेकिन इस वर्ष 1290 लाइसेंस आरटीओ में वापस आए हैं। इनमें से कुछ का पता सही नहीं है। अन्य लाइसेंस में ‘फेक आईडी’ का संदेह गहरा रहा है।
यह है व्यवस्था
प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लाइसेंस बनते हैं। नागपुर के सिविल लाइंस स्थित आरटीओ कार्यालय में भीड़ लगी रहती है। लर्निंग लाइसेंस भले ही वाहनधारक को ऑन स्पॉट दिया जाता है, लेकिन परमानेंट लाइसेंस डाक के माध्यम से ही भेजा जाता है। मुख्य कारण यह होता है कि लाइसेंस बनाने के लिए लिया गया निवासी प्रमाण-पत्र फर्जी न हो, क्योकि लाइसेंस एक पहचान के तौर पर काम करता है। लेकिन गत इस वर्ष जनवरी से अब तक तक भेजे गए लाइसेंस में 1290 लाइसेंस वापस आए हैं। ज्यादातर घर का सही पता न होने से वापस आए हैं। बता दें कि संबंधित वाहनधारक द्वारा आवेदन करने पर पुन: फीस लेकर लाइसेंस डाक के माध्यम से भेजे जाते हैं।
तीन बार घर पहुंचाया जाना चाहिए लाइसेंस
नियमानुसार पोस्टल विभाग जब लाइसेंस किसी के घर में भेजता है, और वह घर नहीं मिलता है तो पहली बार में सूचना देने के बाद दूसरी बार फिर भेजा जाना चाहिए। अधिकृत सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं होता है, जिसके कारण लाइसेंस वापस आ रहे हैं। आरटीओ का उद्देश्य होता है कि लाइसेंस धारक के पते की पुष्टि हो सके , साथ ही लाइसेंस संबंधी सरकारी रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहे लेकिन बड़ी संख्या मे लाइसेंस वापस आना चिंता का विषय बनता जा रहा है।
प्रति माह वापस आ रहे हैं 100 से ज्यादा लाइसेंस
हमारी ओर से पोस्टल विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन प्रति माह 100 से ज्यादा लाइसेंस वापस आ रहे हैं। कोई घर पर नहीं रहता या किसी का घर बदल जाने से ऐसा हो रहा है। -(अतुल आदे, उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी, शहर आरटीओ )
Created On :   12 Oct 2018 1:54 PM IST