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ब्रिटिशकालीन पुराने सचिवालय के लिए मिले 14 करोड़ रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुराने सचिवालय इमारत को 100 साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस ऐतिहासिक ब्रिटिशकालीन इमारत के संवर्धन, संरक्षण और आवश्यक दुरुस्ती के लिए सरकार ने 14 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की है। इस ऐतिहासिक इमारत के संवर्धन को प्राथमिकता देने की जानकारी विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा ने दी है।
पानी से संरक्षण करना आवश्यक
विभागीय आयुक्त लवंगारे ने कहा कि पुराने सचिवालय प्राचीन और वास्तुकला की आदर्श इमारत है। इस ऐतिहासिक वास्तु के संवर्धन और आवश्यक दुरुस्ती के लिए सरकार ने 14 करोड़ रुपए के विशेष प्रस्ताव को मान्यता दी है। इमारत में सीवेज की दुरुस्ती, सुविधाओं का दर्जा बढ़ाना, संपूर्ण इमारत स्वच्छ रखने सहित अन्य का प्राथमिकता से पूरा करना आवश्यक है। यह इमारत सैंडस्टोन पत्थर से बनाई गई है। 100 साल से ज्यादा समय होने के कारण पानी से संरक्षण करना आवश्यक है। दीवारों पर पेड़ों से इमारत को खतरा नहीं होगा, इसके लिए विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में दुरुस्ती के काम प्रस्तावित हैं। इन कामों को हेरिटेज कमेटी की पूर्व अनुमति के बाद ही शुरुआत की जाएगी।
दुरुस्ती को लेकर विभाग प्रमुखों की बैठक
विभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागृह में पुराने सचिवालय इमारत के संवर्धन और आवश्यक दुरुस्ती को लेकर विभाग प्रमुखों की बैठक हुई। इस अवसर अतिरिक्त आयुक्त संजय धीवरे, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक अभियंता विद्याधर सरदेशमुख, राजस्व उपायुक्त मिलिंद सालवे, उपायुक्त आशा पठान, राजलक्ष्मी शहा, कार्यकारी अभियता जनार्दन भानुसे, ऐतिहासिक वास्तु संरक्षख विशेषज्ञ लीना झिल्पे, एनआरएलपी के पूर्व महासंचालक डॉ. वी.बी. खरबडे आदि उपस्थित थे।
अधीक्षक अभियंता विद्याधर सरदेशमुख ने बताया कि विभागीय आयुक्त द्वारा मंत्रालय स्तर पर पत्र-व्यवहार करने से 14 करोड़ रुपए की निधि मंजूर हुई है। इस निधि से इमारत के अत्यावश्यक और बुनियादी सुविधा पर खर्च किया जाएगा। अन्य सुविधाओं के लिए दूसरा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। विभागीय आयुक्त लवंगारे ने बताया कि पुराने सचिवालय इमारत, प्रशासकीय इमारत एक व दो की छत पर सोलर पैनल लगाकर संपूर्ण इमारत को सोलर द्वारा विद्युत आपूर्ति करने के लिए मेडा द्वारा पहल की गई है। इमारत पर सोलर पैनल लगाने संदर्भ में आठ दिन में प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए।
Created On :   16 Dec 2021 6:51 PM IST