ADG इंदौर और IG जबलपुर समेत 14 IPS के तबादले

14 IPS officers transferred including ADG Intelligence
ADG इंदौर और IG जबलपुर समेत 14 IPS के तबादले
ADG इंदौर और IG जबलपुर समेत 14 IPS के तबादले

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रशासनिक फेरबदल जारी है। बुधवार को राज्य सरकार ने 14 IPS अफसरों के तबादले का आदेश जारी किया है। इसमें एडीजी इंटेलिजेंस का भी नाम है। IPS संजय राणा अब एडीजी इंटेलिजेंस होंगे। संजय राणा को सीएम कमल नाथ का करीबी माना जाता है। जिन अफसरों के तबादले किए गए है उनमें से ज्यादातर अफसर लंबे समय से PHQ में जमे हुए थे।    

किस अफसर का कहा हुआ तबादला?

  • संजय राणा, स्पेशल डीजी, इंटेलीजेंस, भोपाल
  • के एन तिवारी, स्पेशल डीजी, ईओडब्ल्यू, भोपाल
  • पुरुषोत्तम शर्मा, स्पेशल डीजी, पीटीआरआई, भोपाल
  • राजीव टंडन, एडीजी, रेल, भोपाल   
  • अजय शर्मा, एडीजी, पीएचक्यू, भोपाल
  • जी पी सिंह, एडीजी, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोकसेवा गारंटी
  • संजय व्ही माने, एडीजी, एमडी पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन
  • सुशोवन बनर्जी, एडीजी, लोकायुक्त
  • विजय कटारिया, एडीजी, वेलफेयर (पीएचक्यू)
  • एस एम अफजल, एडीजी, ईओडब्ल्यू, भोपाल
  • वरुण कपूर, एडीजी, इंदौर जोन
  • वी मधु कुमार, एडीजी, नारकोटिक्स, इंदौर
  • अनंत कुमार सिंह, आईजी, पीएचक्यू, भोपाल
  • विवेक शर्मा, आईजी, जबलपुर रेंज

 

इससे पहले, राज्य सरकार ने छिंदवाड़ा एसपी अतुल सिंह को हटाकर मनोज राय को छिंदवाड़ा एसपी बनाए जाने का आदेश जारी किया था। रीवा कमिश्नर महेश चौधरी को भी हटाया गया था। उन्हें मंत्रालय में ओएसडी का प्रभार दिया गया है। वहीं शहडोल कमिश्नर जेके जैन को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। कमलनाथ ने सीएम बनने के बाद तीन बड़े पदों पर नई नियुक्ति भी की थी। उन्‍होंने राजेन्द्र तिवारी को एमपी का महाधिवक्ता और अजय गुप्ता को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया था। इसके अलावा शशांक शेखर भी अतिरक्त महाधिवक्ता बनाए गए हैं।

बता दें कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सागर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि, "जो भी सरकारी कर्मचारी सही काम नहीं करता और बीजेपी का बिल्ला जेब में लेकर घूमता है 11 दिसंबर के बाद उन सबकी गिनती की जाएगी, इसलिए याद रखें कमलनाथ की चक्की देर से चलती है पर बहुत बारीक पीसती है। कमलनाथ को यह तमाम फैसले 29 दिसंबर तक ही लेने होंगे। क्योंकि इसके तुरंत बाद मतदाता पुनरीक्षण का काम शुरू हो रहा है और उसके बाद आला अफसरों को चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना नहीं हटाया जा सकेगा।

Created On :   2 Jan 2019 6:32 PM GMT

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