15 हजार में 14,148 कंपनियां और कारखाने अपने कर्मचारियों का पेंशन फंड देने को तैयार नहीं

14148 companies not ready to give pension fund to factory workers
15 हजार में 14,148 कंपनियां और कारखाने अपने कर्मचारियों का पेंशन फंड देने को तैयार नहीं
15 हजार में 14,148 कंपनियां और कारखाने अपने कर्मचारियों का पेंशन फंड देने को तैयार नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निजी क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना नागपुर विभाग में फेल हो गई है। 3 साल तक पेंशन फंड सरकार भरेगी आैर उसके बाद कंपनियों को खुद यह फंड जमा करना पड़ेगा। इसी डर से कंपनियां इस योजना पर अमल करने से कतरा रही हैं। नागपुर विभाग में छोटी-बड़ी करीब 15 हजार कंपनियां व कारखाने हैं, लेकिन पिछले ढाई साल में केवल 852 कंपनियों ने ही इस योजना में दिलचस्पी ली है, जबकि 14148 कंपनियां अपने कर्मचारियों का पेंशन फंड देने के लिए तैयार नहीं हैं। भले ही तीन साल तक उक्त फंड सरकार देने को तैयार है। यह उन हजारों कर्मचारियों के साथ धोखा है, जो निजी क्षेत्र में काम करते हैं। 

लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफआे) नागपुर के क्षेत्रीय कार्यालय के तहत आनेवाले नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा व गोंदिया जिले में करीब 15 हजार कंपनियां व कारखाने हैं। यहां लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं। मूल वेतन का 12 फीसदी पीएफ काटा जाता है। कर्मचारी का जितना पीएफ कटता है, उतनी ही राशि नियोक्ता अपनी तरफ से जमा करता है। नियोक्ता की 12 फीसदी राशि पीएफ व पेंशन फंड में जाती है। पेंशन फंड में 8.33 फीसदी राशि जमा होती है। युवाआें को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, इसलिए केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना शुरू की। इसके तहत 1 अप्रैल 2016 व उसके बाद नियुक्त होनेवाले कर्मचारी का पेंशन फंड (8.33 राशि) केंद्र सरकार भरेगी।

3500 करोड़ की निधि का प्रावधान
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए पहले साल 1000 करोड़ की निधि का प्रावधान किया था। तीसरे साल (2018-19) के लिए 3500 करोड़ की निधि का प्रावधान किया है। योजना शुरू हुए ढाई साल हो गए आैर अभी तक नियोक्ताआें की तरफ से योजना को प्रतिसाद नहीं मिल सका है। 3 अक्टूबर 2018 तक इस योजना का लाभ नागपुर विभाग की केवल 852 कंपनियों (नियोक्ताआें) ने ही उठाया है। 34437 कर्मचारियों को इसका लाभ मिल रहा है। सरकार अब तक इन कर्मचारियों का 6 करोड़ 61 लाख 26 हजार 782 रुपए पेंशन फंड में जमा कर चुकी है।

आसान है योजना का लाभ लेना
पहले नियोक्ता को पेंशन फंड में पैसा जमा करना पड़ता था आैर बाद में सरकार संबंधित राशि नियोक्ता को वापस करती थी। अब इस योजना को बेहद आसान बना दिया गया है। नियोक्ता को कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) योजना की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करना है। इसके बाद सरकार खुद ही संबंधित कर्मचारी की तय राशि पेंशन फंड में जमा कर देगी। मात्र 20 कर्मचारी होने पर भी इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।

नियोक्ताओं के मन में डर है
विकास कुमार, क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर के मुताबिक यह योजना नियोक्ता व कर्मचारी दोनों के लिए लाभदायक है। सरकार का उद्देश्य निजी क्षेत्र में रोजगार बढ़ाना है। 1 अप्रैल 2016 व उसके बाद नियुक्त होनेवाले कर्मचारी की पेंशन फंड की राशि तीन साल तक सरकार भरेगी। हमारी कोशिशों के बावजूद नागपुर विभाग में बहुत ज्यादा प्रतिसाद नहीं मिला। सरकार ने जितनी राशि का प्रावधान किया, उतनी राशि खर्च नहीं हो रही। नियोक्ताआें (कंपनियों) के मन में यह डर है कि तीन साल तक पेंशन फंड सरकार भरेगी आैर उसके बाद उसे ही यह निधि जमा करनी होगी। नियोक्ता के दिमाग  में यदि कुछ भ्रांति है वह दूर हाेना जरूरी है। विभाग में करीब 15 हजार कंपनियां हैं, जिसमें से साढ़े पांच हजार कंपनियां सक्रिय (एक्टिव) हैं।

Created On :   5 Oct 2018 5:10 PM IST

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