नागपुर रिजर्व बैंक से जारी हुए 15 हजार करोड़, मार्केट से गायब हुए 2000 के नोट

15 thousand crores released,2000 notes disappeared from the market
नागपुर रिजर्व बैंक से जारी हुए 15 हजार करोड़, मार्केट से गायब हुए 2000 के नोट
नागपुर रिजर्व बैंक से जारी हुए 15 हजार करोड़, मार्केट से गायब हुए 2000 के नोट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही मार्केट से 2000 के नोट गायब हो गए हैं। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने बैंकों के पास दो-दो हजार के नोट बड़ी संख्या में भेजे थे। आरबीआई द्वारा बैंकों में भेजे जा रहे नोटों में 60 और 40 फीसदी का अनुपात था, यानी 40 फीसदी नोट दो-दो हजार रुपए के थे और 60 फीसदी नोटों में सौ, पांच सौ रुपए के नोट आ रहे थे। केवल नागपुर रिजर्व बैंक की ब्रांच से जनवरी 2017 में 15 हजार करोड़ के 2000 रुपए के नोट भेजे गए थे। सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार अब तक बाजार में मात्र 5000 से 6000 करोड़ के नोट ही चलन में हैं, जबकि करीब 10 हजार करोड़ के नोट बाजार से गायब हैं। इसे कालेधन के रूप में लोकसभा चुनाव में उपयोग करने की आशंका है, जिसे महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

नोटबंदी के बाद गायब हुए थे नोट
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिए थे। इसके बाद नए नोट निकाले थे, जिसमें 2000 रुपए का नोट खास था। शुरुआत में इस नोट को लेकर कई तरह की शंकाए और आशंकाएं थीं। दावा किया जा रहा था कि इसे जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। नए अलग-अलग नोटों की खेप देश के रिजर्व बैंकों को भेजी गई थी। सूत्रों के अनुसार नागपुर स्थिति रिजर्व बैंक को जनवरी 2017 में केवल 15 हजार करोड़ के 2000 रुपए के नोट भेजे गए थे। इन नोटों को बैंकों के माध्यम से बाजार में चलन के लिए उतारा गया। इसमें पिछले दो साल में इनमें से 5000 से 6000 करोड़ के नोट वापस रिजर्व बैंक तक पहुंचे। करीब 10 हजार करोड़ के नोट बाजार से गायब हो गए। इसे कालेधन के रूप में रखा गया है। इसके पीछे सबसे बड़ी आशंका इन्हें लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल करने की है। यही कारण है कि चुनाव आयोग कालेधन को रोकने के लिए बार-बार कह रहा है।  

धीरे-धीरे बाजार  से गायब हुए
शुरुआत में बाजार में ग्राहकों को बड़ी संख्या में 2000 के नोट दिए गए। धीरे-धीरे इन नोटों का वापस बैंक में आना बंद हो गया और जारी किए गए नोटों में से मुश्किल से 25 से 30 फीसदी नोट ही वापस बैंकों में जमा के रूप में आए। इसके बाद धीरे-धीरे गायब होते हुए करीब 10 हजार करोड़ के नोट बाजार से गायब हो गए। इनके लिए आशंका है कि ये ब्लैकमनी के रूप में लेन-देन में उपयोग में आ रहे हैं। 

कई हिस्सों में हुए जमा
नागपुर स्थिति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से जारी उक्त 15 हजार करोड़ के नोट केवल नागपुर और महाराष्ट्र में ही नहीं खपे, यह  सेंट्रल इंडिया से होते हुए देश के कई हिस्सों में पहुंचे। इनकम टैक्स सहित रिजर्व बैंक को भी आशंका है कि उक्त नोटों को काले धन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। 
 

Created On :   13 March 2019 5:43 AM GMT

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