राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किए 150 एबस्ट्रैक्ट्स

150 Abstracts Presented at National Conference in nagpur city
राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किए 150 एबस्ट्रैक्ट्स
राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किए 150 एबस्ट्रैक्ट्स

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  भारत में ज्ञान, कौशल से भरी हजारों वर्ष की एक महान विरासत है। इसे अंतरराष्ट्रीय विशषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है, फिर भी अभी बहुत कुछ पता लगाया जाना बाकी है। इस उद्देश्य के साथ इग्नू क्षेत्रीय केंद्र नागपुर और हिस्लॉप कॉलेज ने ‘भारतीय विरासत में रसायन विज्ञान’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन हिस्लॉप कॉलेज में आयोजित किया। सम्मेलन के लिए 375 प्रतिनिधियों ने पंजीकरण किया था। 150 एबस्ट्रैक्ट्स प्रस्तुत किये गए थे। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरु के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित रसायन विज्ञान प्राचार्य गौतम राधा कृष्ण देसीराजू ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। डॉ. प्रशांत होले, अध्यक्ष, विज्ञान भारती, विदर्भ क्षेत्र ने विचार प्रस्तुत किए। सम्मेलन का उद्देश्य आधुनिक और प्राचीन वैज्ञानिक दोनों के लिए चर्चा करने और आगे शोध करने के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करना है। 

प्रा. गौतम देसीराजू ने किया मार्गदर्शन
इस अवसर पर प्रा. गौतम देसीराजू ने ‘विज्ञान क्यों’ पर एक अभिनव प्रस्तुति दी। उन्होंने गैलिलियो से लेकर सी. वी. रमन तक के 12 वैज्ञानिकों की जीवनी के बारे में जानकारी दी। प्रोफेसर होले ने प्राचीन लिपियों और रसायन शास्त्र का उल्लेख किया। कार्यक्रम में नई दिल्ली, बिलासपुर, पुणे, नागपुर, वर्धा, अमरावती आदि स्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे। डॉ. एस. वी. तत्ववादी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व प्राचार्य ने पैनल चर्चा की अध्यक्षता की।

विशेषज्ञों का मार्गदर्शन रहा महत्वपूर्ण
राष्डॉट्रीय सम्मेलन में . एम. भोयर, आयुर्वेद महाविद्यालय, नागपुर ने आयुर्वेद में रसायन विज्ञान के बारे मे समझाया। डॉ. पी. शास्त्री, खाद्य प्रौद्योगिकी के पूर्व प्राचार्या (एलआईटी) ने पारंपरिक खाद्य पदार्थों में रसायन विज्ञान के बारे में बताया। डॉ. दिलीप पेशवे (वीएनआईटी) ने प्राचीन भारत में धातु विज्ञान पर चर्चा की। समापन समारोह की अध्यक्षता डॉ. दीप्ति क्रिश्चियन, प्राचार्या, हिस्लॉप महाविद्यालय ने की एवं डॉ पी. शिवस्वरूप ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियों के लिए प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गये।
 

Created On :   29 March 2018 1:31 PM IST

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